झारखण्ड : देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। देश में इस वायरस को काम करने के लिए लॉकडाउन कानून लागु है। देश की जनता खुद को इस वायरस से बचाने के लिए बिना किसी अतिआवश्यक काम के घर से बाहर नहीं निकलने में ही भलाई समझ रही है। इस लॉकडाउन में किसी को भी किसी भी तरह का कोई कठनाई का सामना न करना पड़े इसके लिए केंद्र सरकार के तरफ से हर राज्यों की सरकार को मदद किया जा रहा है।
इस बीच झारखंड सरकार राज्य के कई ज्वलंत समस्याओं के निदान के प्रति उदासीन है। जैसे राज्य के किसानों को सुखाड़ का पैसा नहीं मिलना,कर्ज माफी पर कोई पहल नहीं करना, बेरोजगारी भत्ता, अनुबंध कर्मियों को अविलंब दोगुना दर से मानदेय का भुगतान, राज्य और जिला के बाहर फंसे मजदूर एवं विद्यार्थियों की सुध नहीं लेना, मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करना इत्यादि।राज्य और जिला के बाहर फंसे मजदूर एवं विद्यार्थियों की सुध नहीं लेना, मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को बंद करना इत्यादि।
मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का पुनः हो शुरुआत
झारखण्ड भाजपा नेता सह गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि हम राज्य सरकार मांग करते है कि सभी ज्वलंत समस्याओं पर सरकार राज्य हित में अविलंब ठोस पहल करे और लोगों को अविलंब सहायता पहुंचाया जाए ताकि वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने में सभी लोग सक्षम हो सकें।
सभी जरूरी मुद्दों पर सरकार के द्वारा मौन धारण कर लेने से झारखंड के गरीब, बेरोजगार, नौजवान, मजदूर, किसान, विद्यार्थी एवं अनुबंध कर्मियों के मन में भय व्याप्त है।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का सरकार अविलंब भुगतान करे। किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए तत्काल कर्ज माफी की घोषणा की जाए। सुखाड़ का पैसा सभी किसानों को दिया जाए तथा पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू किए गए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना को पुनः चालू किया जाए ताकि हमारे किसान खेती करने में सक्षम हो सकें। उन्हें साहूकारों के दरवाजे पर अपनी संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता ना पड़े।
रोजगार का साधन जुटाने का साधन करें राज्य सरकार
महागठबंधन के द्वारा चुनाव से पूर्व राज्य के बेरोजगार नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई थी, जिसे अविलंब अमल में लाया जाए ताकि राज्य के नौजवान रोजगार का साधन जुटा पाएं।अनुबंध कर्मियों के विषय में राज्य सरकार से ठोस निर्णय लेने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के अनुबंध कर्मियों को कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए दोगुने दर से मानदेय भुगतान किया जाए ताकि ऐसे लोग अपने परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम हो सकें।