राज्यसभा चुनाव: JDU की एक सीट पर दो सिपाही, क्या दोबारा पिघलेंगे नीतीश

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पटना : बिहार की पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।इसको लेकर आज यानी मंगलवार से नमांकन भी शुरू हो गया है। इसी बीच अभी इसको लेकर सबसे अधिक संशय की परिस्थिति जदयू के अंदर ही उत्पन्न हो रही है।

दरअसल, जदयू द्वारा अभी तक अपने राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष यह पूरे मामले को नीतीश कुमार के हवाले कर दिए हैं, तो वहीं नीतीश भी इसको लेकर समय की बात कर रहे हैं। जबकि, जदयू के अंदर से यह भी खबर आ रही है कि जदयू ने अपने उम्मीदवारों का नाम तय कर लिया है और यह नीतीश कुमार के ही गृह क्षेत्र से ही हैं, लेकिन वो वर्तमान में जदयू कोटे से राज्यसभा गए नेता नहीं हैं।

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इधर, जब वर्तमान के राज्यसभा सदस्य से इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने सवालों से बचते हुए गाड़ी के अंदर से ही हाथ जोड़ते हुए एयरपोर्ट के लिए निकल गए। उनके के बिना कुछ बोले दिल्ली रवाना होने से यह साफ है कि फिलहाल उनकी उम्मीदवारी पर संशय की स्थिति है। वहीं, इनकी उम्मीदवारी को लेकर भी पार्टी के अंदर कलह की स्थिति बनी हुई है।

वहीं, इस मसले को लेकर पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी के सर्वे सर्वा इनको वापस ना भेज कर अपना राजनीतिक बदला लेना चाहते हैं, जबकि पार्टी के सर्वमान्य नेता का कहना है कि मैंने उनको बिहार से बाहर इसलिए भेजा था कि वह पार्टी के छवि का विस्तार करें और पार्टी में मजबूती प्रदान करें लेकिन वह वहां जाकर दूसरी भाषा बोलने लगे हैं इसलिए उनका वहां रहना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है। इस लिहाज से पार्टी के अंदर दूसरे नाम पर लगभग मुहर लग गई है।

इनके नामों पर भी लग सकता है मुहर

इसके साथ ही पार्टी सूत्रों द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि दूसरे नाम पर जो मुहर लगी है वह नाम ले सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी बताए जा रहे हैं। उनके बारे में यह कहा जा रहा है कि जब नीतीश के सरकार में जिलाधिकारी थे तभी से नीतीश के काफी करीब रहे हैं इनको जब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वापस बुलाया गया तो वहां जाकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया और नीतीश के साथ मिलकर उनके तरक्की के लिए काम करने लगे जिसके बाद नीतीश कुमार भी अब उनका विशेष ख्याल रखने के बारे में विचार कर रहे हैं सबसे बड़ी बात यह भी है कि वह सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले से ही आते हैं और सीएम के जातीय समीकरण में भी बिल्कुल फिट बैठते हैं।

बहरहाल, अब देखना यह है कि जब राज्यसभा नामांकन को लेकर अंतिम कुछ दिन बचे हुए हैं ऐसे में क्या नीतीश कुमार एक बार वापस से चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं या फिर उनके पुराने साथी दुबारा उनका भरोसा जीतने में सफलता हासिल कर लेते हैं, क्योंकि नीतीश कुमार के पुराने साथी भी बेहद पसंदीदा बताए जाते हैं और नीतीश कुमार के बिरादरी से ही आते हैं, इस लिहाज से यह कहना कठिन होगा जदयू किसे अपना उम्मीदवार बना रही है, जब तक पार्टी किसी के नाम पर अंतिम मुहर न लगा दे कि राज्यसभा की सीटें किन्हे दी जाएगी।

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