JDU के लिए पजल गेम बना राज्यसभा चुनाव, CM से मिलने के बाद भी खुश नहीं RCP
पटना : वर्तमान में बिहार जिस राजनीति के दौर से गुजर रहा है वो किसी पजल गेम से कम नहीं है। बिहार की राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आरसीपी सिंह राज्यसभा जायेंगे या नहींं जायेंगे यह एक पजल गेम बना हुआ है, और यह पहला दफा होगा की बिहार की राजनीति को बेहतरीन तरीके से समझने वाले लोग भी दो राहे पर आकर खड़े हो जा रहे हैं और उनसे भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आरसीपी सिंह जायेंगे या नहीं जायेंगे।
दरअसल, आगामी 10 जून को होने जा रहे चुनाव में जदयू किसे उम्मीदवार बनाएगी यह सवाल हर किसी को लगातार उलझता जा रहा है। वर्तमान में जदयू कोटे से केंद्र में मंत्री बने आरसीपी दोबारा जदयू के उम्मीदवार बनाए जाएंगे या नहीं यह सवाल लगातार पेचीदा होता जा रहा है।
इस बीच शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने उम्मीवार के नाम को लेकर बड़ी बात कही पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे सीएम नीतीश से जब संवाददाताओं ने इसे लेकर सवाल किया तो उन्होंने किसी का नाम नहीं खोला। हालंकि, इस कार्यक्रम में मंत्री शीला मंडल मुख्यमत्री नीतीश कुमार के बगल में बैठी हैं।
अपने करीबी के जरिए भेजा है संदेश
बता दें कि, शीला मंडल आरसीपी सिंह के खासे करीब हैं और आरसीपी के कहने पर ही इनको टिकट दिया गया था और पहली बार विधायक बनने के बाद इनको आरसीपी सिंह ने ही मंत्री भी बनवाया था, ऐसे यह कहा जा रहा है कि आरसीपी उनके जरिए अपना संदेश नीतीश के कानों तक देना चाहते हैं।
CM से मिलने गए थे केंद्रीय मंत्री
इससे पहले गुरुवार को देर रात आरसीपी सिंह खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर गए थे। कहा जा रहा है कि यहां आने के बाद आरसीपी को नीतीश के साथ बातचीत के लिए काफी इंतजार करना पड़ा, बताया जा रहा है कि इसकी मुख्य वजह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का नीतीश के आवास पर देर से आना बताया जा रहा है। हालंकि, इसके बाद जब ललन सिंह आए तो इन तीनों नेताओं के बीच लगभग 45 मिनट तक बातचित चली। लेकिन, इस दौरान क्या बातचीत हुई इसकी जानकारी फिलहाल किसी के पास नहीं है।
CM से मुलाकात के बाद जारी किया यह संदेश
इधर,आरसीपी सिंह के ललन सिंह और नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद निकले पर उनके चेहरे का भाव देख यह कयास लगाया जा रहा है कि उनकी बात नहीं बन सकी। इसके बाद आरसीपी सिंह के तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी हुआ। जिसमें यह कहा गया है कि हमने जदयू कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए जदयू में काम किया है। हमने जदयू में आरंभ से ही संगठन के विस्तार के लिए काम किया हर समय कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए प्रयास किए। पार्टी को कैसे बूथ स्तर तक पहुंचाया जाए इसको लेकर पूरी लगन से काम किया। अब पार्टी को फैसला करना है कि उन्होंने जदयू के लिए क्या किया है ।
इस बात की भी चर्चा
इधर, राज्य सरकार के सीनियर अधिकारियों का मानना है कि आरसीपी सिंह खुद यह समझने लगे थे कि वह राज्यसभा जरुर जाएंगे इस कारण वह अधिक उड़ने लगे थे, इस कारण उनको हैसियत बता दिया गया है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि आरसीपी सिंह केंद्र जाकर अपनी भाषा बदल लिए इस कारण भी उनको यह सजा मिली है।
जबकि, एक गुट का यह भी कहना है कि आरसीपी सिंह का टिकट पक्का हो गया है कि इस कारण उन्होंने शुक्रवार की अहले सुबह चुनाव आयोग के रिटायर उप निर्वाचन पदाधिकारी बैजनाथ कुमार मिलने पहुंचे हैं। कहा जा रहा है कि यहां वो अपना नॉमिनेशन फॉर्म भरने आये थे।
बहरहाल, देखना यह है कि जब राज्यसभा नामांकन को लेकर अंतिम कुछ दिन बचा हुआ है ऐसे में जदयू कब अपने तरफ से उम्मीदवार की घोषणा करती है और इस रहस्य पर से पर्दा उठता है।