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राजीव रंजन ने किया पीके पर पलटवार कहा नारा लिखने वाले की क्या औकात

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को प्रशांत किशोर द्वारा ट्वीटर पर परिस्थितियों के उपमुख्यमंत्री कहे जाने पर भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन ने पलटवार करते हुए पीके को मर्यादा न भूलने की सलाह दी।

उन्होंने कहा “ सुशील मोदी पर अमर्यादित बयान देने वाले पीके यह जान लें कि वह दस जन्म लेकर भी उनकी बराबरी नहीं कर सकते है।”  वास्तव में पीके सरीखे पैसे लेकर नारा लिखने और पोस्टर बनाने वालों की सुशील मोदी जैसे कद्दावर नेताओं पर बोलने की हैसियत तक नहीं है।

यह सब जानते हैं कि प्रशांत किशोर जैसे नेताओं की कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं होती है। इन जैसों का पैसा ही ईमान होता है और पैसा ही इनकी विचारधारा होती है। यह उस भाड़े की गाड़ी की तरह हैं, जिसका भाड़ा दे कर कोई भी उसकी सवारी कर सकता है।

पिछले कुछ वर्षों में इनकी राजनीति देखें तो जदयू में रहने के बावजूद यह पैसे लेकर कई दूसरे दलों का जयकारा लगा चुके हैं। पैसों के प्रति इनकी प्रतिबद्धिता ऐसी है कि दिल्ली में यह अपनी पार्टी के खिलाफ जा कर आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ कर उनका प्रचार करने का एलान कर चुके हैं।

इसके अलावा इनके आजकल के बयानों को देखें तो जिस तरह से यह भाजपा की खिलाफत और राहुल गाँधी को धन्यवाद दे रहे हैं, उससे साफ़ पता चलता है कि इनकी अंदर ही अंदर कांग्रेस से कोई गुप्त डील हो चुकी है। इनकी मंशा है कि किसी तरह एनडीए में दरार पड़े और इनके ‘आजकल के असली मालिकों’ का रास्ता साफ़ हो जाए।

प्रशांत किशोर भले ही नारे गढ़ने और पोस्टर बनाने के खिलाड़ी हों लेकिन बिहार और यहाँ की जनता के बारे में उनकी जानकारी शून्य है। पीके यह जान लें कि जब उनके ‘असली मालिक’ जदयू-भाजपा का गठबंधन नहीं तोड़ पाए तो वह किस खेत की मूली हैं। वह यह जान लें कि एनडीए गठबंधन अटूट है और इसे रोकने की उनकी सारी कोशिशों के बावजूद 2020 में पहले से भी ज्यादा प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए सरकार सत्ता में बरकरार रहेगी।”