रेलवे आपकी संपत्ति, मसले को संवेदनशीलता के साथ करेंगे हल- रेलमंत्री

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दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर भी रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा एनटीपीसी परीक्षा में धांधली को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। दरअसल, छात्र रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा एनटीपीसी परीक्षा के परिणाम में धांधली और लेवल 1 के एग्जाम में अचानक किए गए बदलाव को लेकर छात्र उग्र हो गए है। वहीं, इस उग्र होते आंदोलन को देखते हुए देश के रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस किया।

5 सदस्य कमेटी का गठन

बुधवार दोपहर भारत सरकार के रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव द्वारा किए गए प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि रेलवे एनटीपीसी परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों द्वारा लगातार शिकायतें मिल रही है इसको लेकर छात्र उग्र प्रदर्शन भी कर रहे हैं। हमने उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए एक 5 सदस्य कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी छात्रों के सभी मांगों पर विचार करेगी और जल्द से जल्द उनके समस्या का निवारण करेगी। उन्होंने बताया कि इस कमेटी की कोशिश होगी कि 6 मार्च तक सभी समस्या का निवारण कर लें।

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छात्रों से भावुक अपील की है कि, मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वे कानून अपने हाथ में न लें। हम उनके द्वारा उठाई गई शिकायतों और चिंताओं को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।

हमें एक समाधान खोजना होगा

रेल मंत्री ने कहा, हमें एक समाधान खोजना होगा कि जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे पीड़ित न हों, लेकिन जिन्हें शिकायतें हैं, उन्हें भी संबोधित किया जाएगा। इसको लेकर कमेटी बनाई गई है, कहीं-कहीं कई छात्रों ने सहमति भी दी है। छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी मांगों को औपचारिक रूप से रखें। हम इसकी जांच करेंगे।

एक लाख 40 हजार वैकेंसी है और एक करोड़ से ज्यादा आवेदन

इसके साथ उन्होंने कहा कि परीक्षा से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली। एक लाख 40 हजार वैकेंसी है और एक करोड़ से ज्यादा आवेदन आए थे। उन्होंने कहा, इतनी बड़ी संख्या में परिक्षार्थी हों तो एक बार में परीक्षा लेना कठिन है, इस वजह से दो लेवल किया गया था। फिर भी हम अब इस पर विचार कर रहे हैं।

उन्होंने छात्रों से कहा कि आप जहां नौकरी करने के लिए सोच रहे हैं उसे नुकसान कैसे पहुंचा सकते हैं आप अपनी बातों को सही तरीके से कमेटी के पास रखें। रेल आपकी हर समस्या को सुनेगी।

रेल मंत्री ने कहा मैं छात्रों की समस्या को समझ सकता हूं। मैं भी इस दौर से गुजर चुका हूं। छात्र हमारे लिए हमारे भाई के समान है, हम छात्रों की बातो को सुनने के लिए तैयार हैं। हम इस मसले को संवेदनशीलता के साथ हल करेंगे।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षा आयोजित करना एक कठिन काम

रेल मंत्री ने कहा कि हमारे पास 1 लाख 40 हजार वैकेंसी है और इसके लिए कुल आवेदन एक करोड़ से अधिक थे ऐसे में इतने कम समय में परीक्षा आयोजित करना और कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षा आयोजित करना एक कठिन काम था इस कारण से परीक्षा आयोजित होने में विलंब हुई। उन्होंने कहा कि कई सारे ऐसे विद्यार्थी थे जिन का फोटो नहीं मिल पा रहा था इसको लेकर भी समस्या उत्पन्न हुई और परीक्षा में विलंब हुआ।

बता दें कि, रेलवे भर्ती द्वारा द्वारा एनटीपीसी परीक्षा की वैकेंसी को निकले हुए लगभग 5 साल होने को है इसके बावजूद रेलवे अभी तक इस परीक्षा को समाप्त नहीं कर पाई है साथ ही रेल मंत्री द्वारा यह कहा जा रहा है कि परीक्षा में विलंब का एक मुख्य वजह परीक्षार्थियों के फोटो में गलती होना भी है। साथ ही उनके द्वारा यह भी कहा जा रहा है अधिक संख्या में आवेदन आने के कारण परीक्षा में विलंब हुई।

वहीं, इस मसले पर विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे वर्तमान में सबसे अधिक कर्मचारी भर्ती करने वाली संस्था है और भारत में सबसे अधिक कर्मचारी रेलवे के पास हैं ऐसे में यदि रेलवे यह कहती है कि, व अधिक संख्या में एप्लीकेशन आने कारण परीक्षा देर से ले पा रही है, तो यह अपने आप में एक सवालिया निशान है, क्योंकि किसी भी परीक्षा में अधिक से अधिक विलंब 1 साल तक हो सकता है, लेकिन 5 साल तक का समय जो कि रेलवे द्वारा लिया गया यह कहीं से भी तर्कसंगत नहीं नजर आता है।

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