Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

sanjay JAISWAL
Featured पटना बिहार अपडेट बिहारी समाज राजपाट

गोयबल्स मार्का ज्ञान देने से पहले ‘चंपारण’ शब्द लिखना सीखें राहुल

पटना : कृषि बिल को लेकर दिल्ली में किसानों द्वारा किए जा रहे हैं विरोध पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए इस आंदोलन की तुलना चंपारण सत्याग्रह से किया था। इस ट्वीट में उन्होंने चंपारण की स्पेलिंग गलत लिखी थी। उसके बाद इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि राहुल गांधी को पहले चंपारण शब्द की स्पेलिंग सही ढंग से लिखना सीख लेनी चाहिए।

https://twitter.com/sanjayjaiswalMP/status/1346290998423347200

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रिय राहुल गाँधी अपना गोयबल्स मार्का ज्ञान देने से पहले चंपारण शब्द लिखना तो सीख लेते। जसवाल ने लिखा है कि चंपारण के हमारे किसान नए कृषि कानूनों को आपसे बेहतर जानते हैं। कृपा कर अपने झूठ में हमारे क्षेत्र का नाम न घसीटें।

जानकारी हो कि राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में चंपारण की स्पेलिंग को गलत लिखा था। जिसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने ट्वीट कर राहुल गांधी तो टैग करते हुए चंपारण सत्याग्रह पर एक लिंक साझा किया और राहुल गाँधी को इस आंदोलन के बारे में पढने का आग्रह किया।

जनभावना से परिचित होने की सलाह

https://twitter.com/sanjayjaiswalMP/status/1346291224001429505

राहुल पर हमला जारी रखते हुए भाजपा प्रदेश ने एक दुसरे ट्वीट में लिखा कि चंपारण सत्याग्रह ‘विदेशियों’ के खिलाफ ‘देश’ का संघर्ष था और किसान आंदोलन ‘क्यों’, ‘कैसे’ और ‘किसके’ लिए किया जा रहा है, यह देश भलीभांति जानता है। इस ट्वीट के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक मीडिया संस्थान द्वारा किसान आंदोलन पर करवाए गये सर्वे का लिंक देते हुए, राहुल गाँधी को जनभावना से परिचित होने की सलाह दी ।

देश में राहुल गांधी से बड़ा कंफ्यूज नेता कोई नहीं 

इस विषय पर डॉ जायसवाल ने कहा “ यह हर कोई जानता है कि देश में राहुल गांधी से बड़ा कंफ्यूज नेता कोई नहीं है। इसी कंफ्यूजन में किए गये अपने ट्वीट में उन्होंने चंपारण के लिए ‘चंपारन’ शब्द का इस्तेमाल किया है। इससे साफ़ पता चलता है कि वह चंपारण सत्याग्रह के महत्व से परिचित नहीं है।

चंपारण जैसे ऐतिहासिक स्थल का नाम खींचने के लिए अविलंब माफ़ी मांगे

उन्होनें कहा कि चंपारण न केवल बापू की कर्मभूमि रही है बल्कि हमारी मातृभूमि भी है। चंपारण का नाम गलत लिखना और इसे राजनीति में घसीटना सीधे-सीधे चंपारण का अपमान है, जिसे हमारी जनता कभी भी पसंद नहीं करने वाली। चंपारण का निवासी और जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी राहुल जी से मांग है कि अपनी झूठ-फरेब की राजनीति में चंपारण जैसे ऐतिहासिक स्थल का नाम खींचने के लिए अविलंब माफ़ी मांगे।”