नयी दिल्ली : रहुल गांधी के शोरगुल से हाईलाइट हुए राफेल विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष को आज तगड़ा झटका देते हुए इसकी जांच के लिए दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। लोकसभा चुनाव से लेकर अभी तक विपक्षी पार्टियां जिस राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रही थीं, उसमें सर्वोच्च अदालत से केंद्र को राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच के लिए दायर की गईं पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामले में जांच या एफआईआर की कोई जरूरत नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका
राफेल विवाद पर गुरुवार को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राफेल डील की प्रक्रिया और विमानों के दाम पर सवाल खड़े करते हुए जिन दलीलों को दिया गया है, उसमें दम नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हम इस बात को नज़रअंदाज नहीं कर सकते हैं कि अभी इस मामले में एक कॉन्ट्रैक्ट चल रहा है। केंद्र सरकार के द्वारा हलफनामा दायर करते हुए जो भूल हुई थी, उसके सुधार को स्वीकार कर लिया गया है।
किसने और क्यों दायर की थी याचिका?
सर्वोच्च अदालत में इस पुनर्विचार याचिका को पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने दायर किया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इन याचिकाओं में 14 दिसंबर, 2018 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करने को कहा गया था जिसमें अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा फ्रांस के साथ की गई 36 विमानों की डील की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने से मना कर दिया था।