पटना : बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आज नीतीश कुमार पर जबर्दस्त हमला बोला। विधानपरिषद की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंची राबड़ी ने कहा कि राज्य में बच्चे लगातार मर रहे हैं और राज्य सरकार भाजपा और जदयू के विधायकों के बीच आम बांट रही है। ये सभी लोग आम खाने में मस्त हैं, लेकिन इन्हें नहीं पता कि जो आम खायेगा उसे गरीबों की आह लगेगी। मुजफ्फरपुर में चमकी से बच्चे और उनके परिजन त्राहि—त्राहि कर रहे हैं, और नीतीश कुमार स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा लेने की जगह उन्हें आम खिलाकर जश्न मना रहे हैं।
विदित हो कि राज्य सरकार ने विधायकों को मालदह आम और आम का पेड़ देने की पहल शुरू की है जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार को निशाने पर ले लिया। आज बुधवार को विधानपरिषद पहुंची राबड़ी ने कहा कि 15 वर्ष तक नीतीश बाबू ने क्या किया? उनकी सरकार ने चमकी बुखार पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दायर किए गए हलफनामे में खुद कहा कि बिहार में डॉक्टरों की कमी है। अब तक आप क्या कर रहे थे। क्या डाक्टरों की कमी के बहाने बिहार के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ देंगे। राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए, जबकि वह आम बांट रही है। जैसे उसे किसी की परवाह ही न हो।
महात्मागांधी की शिष्या मीराबेन की हुई चर्चा
उधर बिहार विधानपरिषद में आज खादी कामगारों की स्थिति पर प्रश्न उठा। इस प्रश्न के जवाब के दौरान प्रतिप्रश्नों का सिलसिला शुरू हुआ तो वह महात्मा गांधी तक पहुुंच गया। महात्मा गांधी की 150वी जयंती वर्ष में बिहार के चंपारण में सतयाग्रह के उनके प्रयोग की भी बात निकल गयी। इसी बीच राजद के प्रो. रामबचन राय ने सदन को बताया कि बिहार में महात्मा गांधी के खादी के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक बदलाव में उनकी शिष्या मीरा बेन का भी बड़ा सहयोग रहा है। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रयोग भूमि चंपारण से दूर मधुबनी के छतवन में वहां के मछुआरों के बीच खादी वस्त्र उत्पादन केंद्र की स्थापना की थी। उनके प्रयास से वहां के मछुआरा समुदाय की स्त्रियों ने सूत कातना सीख लिया था। इसके बाद वहां सूत से खादी कपड़े की बुनाई का काम भी शुरू हो गया था। आजादी के पूर्व मीराबेन के इस प्रयास के कारण अत्यंत गरीबी में जीवन निर्वाह करने वाले मछुआरों की जिंदगी बदल गयी थी। वहां के लोग स्वच्छता एवं शिक्षा के महत्व के प्रति भी जागरूक थे। मीराबेन के इस असाधरण कार्य की चर्चा रोनारोला ने भी की है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर वहां मीरा स्मृति खादी केंद्र की स्थापना कर सरकार उनके द्वारा शुरू किए गए काम को आगे बढ़ाए।