राबड़ी-लालू आवास, इतना सन्नाटा क्यों है भाई?

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पटना : दिन के 12ः30 बजे हैं। सकुर्लर रोड पर सन्नाटा है। कारण भी है-हाई सिक्योरिटी जोन है। राजधानी का वीवीआईपी क्षेत्र। यहीं है 10 सकुर्लर रोड में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का आवास। अर्थात लालू प्रसाद का भी। आज लोकसभा चुनाव परिणाम का दूसरा दिन है। अभूतपूर्व सन्नाटा। शायद 25 वर्षों में पहली बार ऐसा मातमी सन्नाटा जैसे कल के चुनाव परिणामों ने यहां कुछ भारी गदर मचा दिया हो।

कभी यहां नेताओं व काॅरपोरेट हस्तियों से घिरे रहते थे लालू

एक जमाना था जब लालू प्रसाद पूरे देश की राजनीति का तानाबाना यहीं से बुनते थे। किंगमेकर की भूमिका में। अभी वे चारा घोटाला में सजा काटते हुए पुलिस कस्टडी में रिम्स में भर्ती हैं। इनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अलग रहते हैं और पूर्व उपमुख्मंत्री तेजस्वी अलग। बेटियों का तो घर बस गया। सो, वे सभी सातों बहनें अपने-अपने घर में। सिक्युरिटी गार्ड ने बताया कि कल यहां अलग-अलग टाईम में तेजस्वी और तेजप्रताप बाबू दोनों आए थे। कल कुछ स्थानीय नेता भी आये थे। चुनाव परिणाम के बाद तो गेट खुला ही नहीं।

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हार के बाद दार्शनिक बन गए नेता—कार्यकर्ता

राजद के एक प्रमुख नेता को जब राबड़ी आवास के निकट से ही फोन किया गया तो मोबाइल स्विच आफ था। महंगी गाड़ी से जा रहे एक समाजवादी नेता को जब संकेत देकर रुकवाया गया, तब उन्होंने तपाक से कहा-आइए बैठ जाइए। बहुत गर्मी है। जब यह संवाददाता उनकी गाड़ी में बैठा तो उन्होंने दार्शनिक अंदाज में कहा-काल चक्र है। कभी लालू-राबड़ी आवास के भीतर और सामने रोड पर प्रदेश और देश के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा रहता था। आईके गुजराल और एचडी देवेगौड़ा के प्रधानमंत्रित्व काल में तो यहीं से मंत्रालय तय होता था। कई कॅारपोरेट घराने की हस्तियां लालूजी को घेरे रहतीं थीं। कई तरह के व्यंजन रोज परोसे जाते थे। चाय के कप से निकलती भाप देश की राजनीति तय करता था।

टी कप से निकलती भाप तय करती थी देश की राजनीति

लेकिन समय बलवान होता है। 2019 में समय का पहिया बदला और चुनाव परिणामों में राजद का एक खाता तक नहीं खुला। लालू और राजद के उद्भव काल को याद करते हुए समाजवादी नेता आगे कहते हैं, 2004 में राजद को 24 सीटें लोकसभा में मिली थीं। उस समय लालूजी की पार्टी से चार नेता केन्द्रीय मंत्री बने थे। वे बहुत पावर में थे। पर, आज तो खुद उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट से चुनाव हार गयीं।

संगठन और गठबंधन पर पुनर्विचार करेगा राजद

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शीघ्र ही पार्टी संगठन की पुनर्रचना होगी। संभव है कई बुजुर्ग नेता भजपा की तरह एक काॅरीडोर में बैठा दिए जाएं। यही नहीं, पार्टी हार की समीक्षा भी करेगी। समीक्षा शुरू भी है। सीनियर नेताओं में यह बात की जाने लगी है कि आखिर किन कारणों से वीआईपी के साहनियों का वोट ट्रांसफर नहीं कराया जा सका। यही नहीं, मांझी भी दलित वोट ट्रांसफर कराने में असफल रहे और कथित रूप् से कुशवाहा के नेता उपेन्द्र कुशवाहा भी। लालूजी के एक करीबी नेता ने बताया कि दरअसल, लालूजी का ‘माय’ समीकरण हिट होने के बाद वे दलित वोटों को आकर्षित करने के लिए किसी दिग्गज दलित नेता की खोज में थे। उनकी मान्यता थी कि ‘माय’ के बाद दलित के आते ही राजद का वोट बैंक अभेद्य हो जाएगा। पर, ‘माय’ तो इस बार फेल हुआ ही दलित वोट राजद के बजाय भाजपा में चला गया।

लालू ने किया तेजस्वी को तलब

चुनाव परिणाम आते ही लालू प्रसाद ने अपने पुत्र व पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को तलब कर रिम्स बुलाया है। यह संदेश लालू प्रसाद के खास दूत ने तेजस्वी को दिया है। इधर, जानकारी मिली है कि तेजस्वी प्रसाद की तबीयत कुछ नासाज है। उनका मोबाईल भी स्विच आफ बता रहा है। सूत्रों ने बताया कि वे शीघ्र ही रिम्स में जाकर मिलेंगे। संभव है उनके मिलने के बाद राजद की नई रणनीति पर कुछ कार्य किए जाएंगे।

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