पटना : राजधानी के पटना वीमेंस कॉलेज के जनसंचार विभाग द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित इंटर कॉलेज मोबाइल जर्नलिज्म में आयी प्रविष्टियों का अवलोकन सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस बार के इस मोजो प्रतियोगिता का विषय था “ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में तकनीक की भूमिका।”
इस कार्यक्रम की शुरुआत जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष रोमा ने निर्णायक मंडल व प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए करते हुए किया।
अपने लक्ष्य को केंद्रित कर अध्ययन करने की सलाह
उन्होंने कॉलेज की प्राचार्य सिस्टर डॉ एम रश्मि एसी का स्नेहसिंचित संदेश पढ़ा, जिसमें प्राचार्य ने प्रतिभागी छात्रों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आज के इस प्रतिस्पर्धा और तकनीकी युग में अगर छात्र अपने आप को पूर्ण रूप से विकसित नहीं कर पाएँगे, तो पिछड़ जाएंगे। उन्होंने प्रतिभागी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें अपने लक्ष्य को केंद्रित कर अध्ययन करने की सलाह भी दी।
मोजो प्रतियोगिता में क़रीब 54 प्रविष्टियों
वहीं, इस मोजो प्रतियोगिता में क़रीब 54 प्रविष्टियों आयीं थी, जिसमें प्रतियोगिता के नियमों व दिशानिर्देशों को कुल 24 प्रविष्टियाँ की पूर्ण कर पायी। निर्णायक मंडल ने उन प्रविष्टियों का अवलोकन किया। निर्णायक मंडल के सदस्य थे कम्युनिकेटिव इंग्लिश मीडिया स्टडीज़ के सहायक प्राध्यापक अमिताभ रंजन, जनसंचार विभाग के सहायक प्राध्यापक अजय कुमार झा व प्रशांत रवि।
साँचे में कुल छह प्रविष्टियाँ ही ढल पायीं
निर्णायक मंडल के तीनों सदस्यों ने हर प्रविष्टियों का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया। सभी प्रविष्टियों को उनके विषय वस्तु, प्रस्तुतीकरण व पूर्णता के आधार पर जाँचा व परखा गया। सभी प्रविष्टियाँ अपने आप में एक से बढ़ कर एक सशक्त प्रस्तुति थी, मगर उनके परखने के साँचे में कुल छह प्रविष्टियाँ ही ढल पायीं। अवलोकनोपरांत निर्णायक मंडल ने परिणाम जारी किया जिसमें जनसंचार विभाग तृतीया वर्ष की छात्रा प्रेरणा शर्मा (प्रथम ), कोम्मनिकेटिव इंग्लिश मीडिया स्टडीज़ की हुमैरा अज़ीम (द्वितीय ) स्थान पर रहीं। वही तृतीय स्थान पर टाई होने की वजह से तीन प्रतिभागी जन संचार की स्वेता श्री, अंग्रेज़ी विभाग की प्रज्ञा प्रियदर्शिनी व जन संचार विभाग की संभवि ने अपनी दावेदारी स्थापित की।
तकनीक ने सारे कार्यों की जटिलताओं को आसान कर दिया
निर्णायक मंडल के अमिताभ रंजन ने बताया कि कैसे तकनीकी बदलाव और विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और उसमें भी कुछ असाधारण कर दिखाना अतिआवश्यक है। दूसरे सदस्य अजय झा ने भी मोजों की उत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए मोजो के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पूर्व के कैमरा व रिकॉर्डिंग की तुलना मोबाइल के द्वारा सहजता कैसे हो जा रही है, के विषय में कर छात्रों को बताया की तकनीक ने सारे कार्यों की जटिलताओं को आसान कर दिया है।
प्रशांत रवि ने प्रतिभागी व छात्राओं को बताया की मोज़ों मतलब खोजो/ ढूँढो, आपके आसपास खबर होती है पर आपकी पारखी नज़र और समझ ही उसे तकनीक की सहायता से आपको सबसे अलग कर सकती है।
विजेताओं का नाम घोषित करते हुए विभागाध्यक्ष रोमा ने इस पूरे आयोजन के लिए विभाग के प्राध्यापकों सहित सभी प्रतिभागीयों का आभार व्यक्त किया। विभागाध्यक्ष रोमा ने निर्णायक मंडल के सदस्य कोम्मनिकेटिव इंग्लिश मीडिया स्टडीज़ के सहायक प्राध्यापक अमिताभ रंजन,जन संचार विभाग के सहायक प्राध्यापक अजय कुमार झा व प्रशांत रवि को का आभार व्यक्त किया।
इसके साथ ही साथ उन्होंने कार्यक्रम को संचालित करने वाली विभाग की टीम के सदसयों असिस्टेंट प्रोफेसर, दिव्या गौतम, अंकिता, अपराजित और गौरव अरण्य के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा की ऐसे कार्यक्रम एक टीम के द्वारा किया जाता है और सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों और छात्रों को धन्यवाद दिया ।