पटना : राजधानी पटना की सड़क पर डीआइजी रैंक के पूर्व आइपीएस अधिकारी की सरेआम बाइकर्स गैंग द्वारा पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जहां राजद ने पूछा कि कहां है कानून का राज? वहीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सीएम कार्य बोझ से दबे हुए हैं, अत: उन्हें चाहिए कि गृह विभाग का कार्यभार किसी अन्य को सौंपें ताकि राज्य में लॉ एंड आर्डर ठीक हो सके। विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में आम आदमी सुरक्षित नहीं है।
वर्क लोड से दबे नीतीश, गृह मंत्रालय दूसरे को दें
पटना में सरेआम एक पूर्व आइपीएस की बाइकर्स गैंग द्वारा पिटाई के मामले में राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि बिहार में कानून का राज खत्म हो चुका है। अब तो पूर्व आइपीएस अधिकारी भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता और एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि बिहार में क़ानून नाम की कोई चीज़ नहीं है और यहां अपराधियों का मनोबल काफ़ी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय का काम पार्ट टाइम चल रहा है जबकि गृह मंत्रालय फ़ुल टाइम होना चाहिए। नीतीश कुमार 14 साल से ओवरलोड में हैं और वो खुद कई विभागों के मंत्री हैं। वो जेडीयू पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में नीतीश जी को चाहिए कि वो अपनी ही पार्टी या बीजेपी के किसी नेता को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दें।
जदयू ने किया सरकार का बचाव
इधर जदयू ने इस मामले में अपनी सरकार का जमकर बचाव किया। पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि एक पूर्व आइपीएस के साथ हुई यह घटना चुनौती है। घटना दुखद है। इसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
क्या है पूरा मामला, पूर्व डीआईजी ने क्या कहा?
मंगलवार को रामकृष्ण नगर थाने के जगनपुरा इलाके में एक दर्जन से अधिक बाइक सवार बदमाशों ने पूर्व डीआइजी अजय वर्मा की सरेराह पिटाई कर दी थी। इस मामले में रामकृष्णानगर थाने में एफआइआर दर्ज कराया गया है। अजय वर्मा 1985 बैच के आइपीएस अधिकारी थे। पिछले साल उन्होंने वीआरएस ले लिया था। अजय वर्मा ने सूचना देने के बाद भी पुलिस पर काफी देर से मौके पर पहुंचने का आरोप लगाया है। पूर्व डीआइजी अजय वर्मा ने कहा कि सड़क पर एक बाइक ने उनकी खड़ी गाड़ी में ठोकर मारी। बाइक सवार नागालिग व बिना हेलमेट के थे। उन्होंने यह देख बाइक को रोका और चाबी निकाल कर पुलिस को सूचना दी। इस बीच बाइक सवार लड़कों ने अपने लोगों को फोन किया। लेकिन पुलिस तो नहीं पुहंची, लड़कों का पूरा गैंग पहुंच गया। अजय वर्मा के अनुसार उन्होंने पटना के ट्रैफिक एसपी व एसएसपी को खुद फोन किया। फिर भी विलंब हुआ तो डीजीपी को फोन किया। इसके बाद दो पुलिस अधिकारी पहुंचे। इस बीच एक पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि यह उसके इलाके का मामला नहीं है।