पटना : बिहार के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार गुप्ता ने शिक्षा, कृषि, कानून जैसे मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथ लिया और सरकार की नाकामियों को उजागर किया। रौनियार भवन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने ये बातें कही। उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती आशा गुप्ता भी मौजूद थी। बिहार के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि आज पूरे राज्य में अपराध का बोलबाला इतना बढ़ गया है कि आए दिन कोई न कोई बड़ा व्यपारी अपराधियों के निशाने पर रहता है। उन्होंने कहा कि एक बड़े व्यापारी के यहां 50 लोग काम करते हैं। एक बड़े व्यपारी सिर्फ व्यपारी नहीं होते वल्कि कई लोगों को रोजगार भी देते है। लेकिन सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखती हैं। उन्होंने कहा कि आख़िर क्या वजह है कि जब भी चुनाव आता है तभी प्रत्याशी नज़र आता है और फिर चुनाव जीतने के बाद 5 साल तक नज़र नहीं आते। उन्होंने कहा कि बच्चो के लिए बननेवाला मिड डे मील के लिए जो अनाज आता है वो खाने लायक नहीं होता है। वहीं आशा गुप्ता ने कहा कि गांव में शिक्षा की हालत बद से बदतर होती जा रही है। दलित-महादलित बस्ती पर उन्होंने कहा कि मैंने कई दलित वस्तियों में देखा कि एक तरफ तो अच्छी और चिकनी सड़कें बनी हुई है और दलित बस्ती में न तो सड़क है और न साफ पानी पीने की व्यवस्था।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि सरकार योजनाएं तो बहुत बनाती हैं लेकिन सही तरीके से पैसा खर्च नहीं हो पाता है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों को जैसी सुविधा मिलनी चाहिये वो नहीं मिल रहा है। सब्सिडी का पैसा भी किसानों को नहीं मिल पाता है। पारा मिलिट्री के जो जवान शहीद हो जाते हैं उन्हें सेना के जवान का दर्जा दिया जाना चाहिए। वहीं श्रीमती आशा गुप्ता ने कहा कि यदि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति 75 प्रतिशत अनिवार्य कर दिया गया है और इसके बिना उन्हें एग्जाम में नहीं बैठने दिया जाता है उसी तरह से जन प्रतिनिधियों के लिए भी ऐसा ही कानून बनाया जाना चाहिए। जब तक जन प्रतिनिधि अपने क्षेत्र में 75 प्रतिशत समय व्यतीत नहीं करेंगे तब तक उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा।
(मानस द्विवेदी)