पुराने हथियारों से मॉडर्न जंग क्यों लड़ रहे लालू—नीतीश?

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पटना : बिहार में आज लालू यादव और उनके छोटे भाई नीतीश कुमार के बीच परंपरागत हथियारों से आधुनिक युद्ध का एक नया नजारा देखने को मिला। इसमें दोनों ओर के सिपाहियों ने जमकर एक दूसरे के प्रतीकों और तौर तरीकों पर हमले किये। वह भी इंटरनेट के जमाने में एक दूसरे को चिट्ठी लिखकर। जहां राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने एक खुला पत्र लिखकर जदयू पर निशाना साधा कि आप मिसाइल के युग में ‘तीर’ दाग रहे हैं। यह नहीं चलेगा। इसके जवाब में छोटे भाई नीतीश की पार्टी जदयू ने भी पलटवार कर ‘लालटेन’ को मरकरी के जमाने में आउटडेटेड करार दिया। जदयू प्रवक्ता व एमएलसी नीरज कुमार ने इसको लेकर एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने तीर को दुराचारियों, भ्रष्टाचारियों का विनाशक बताया।

क्या कहा लालू ने

लालू प्रसाद यादव ने आज बिहार के सीएम नीतीश कुमार को एक खुला पत्र जारी कर कहा कि लालटेन की रोशनी की जरूरत हर हाल और परिस्थिति में रहती है, जबकि तीर हिंसा का प्रतीक है। लालू ने लिखा कि लगता है आजकल छोटे भाई को उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत हो गई है। इसीलिए रात—दिन लालू और लालटेन का जाप करते रहते हो। लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है। जबकि तुम्हारा तीर हिंसा, मार- काट का पर्याय और प्रतीक है। बल्ब की रोशनी से समाज मे फैले अन्याय का अंधेरा नहीं मिटाया जा सकता है। तुम क्या जानो इन सब वैचारिक औऱ सैद्धान्तिक उसूलों को। डरकर अपने लिए सुरक्षित रास्ता खोजना तुम्हरी पुरानी आदत है। आज मिसाइल के ज़माने में तीर-तीर किए जा रहे हो। अरे तीर का ज़माना तो कब का लद गया। तीर तो अब सिर्फ संग्रहालय में ही देखने को मिलेगा क्योंकि 12 करोड़ जनता की पीठ में तुमने छुरा घोंपा है। बाकी कीचड़ वाले कमल में तुम तीर घोंपो या छुपाओ तुम्हारी मर्जी।

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जदयू का पलटवार

जदयू प्रवक्ता व विधानपार्षद नीरज कुमार ने अपने ट्वीट के माध्यम से खुला पत्र शेयर करते हुए लिखा कि माननीय लालू प्रसाद जी, आशा है कि आपकी तबियत ठीक होगी। आप इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की जेल में कैदी नं.-3351 बनकर हैं। ऐसे में शायद आपको’लालटेन’ नहीं दिखाई दे रहा होगा, क्योंकि वहां बिजली है। नीरज कुमार ने लालटेन पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रारंभ से ही एनडीए की प्रतिबद्धता अंधकार युग को हटाकर रौशनी फैलाने की रही है। उन्होंने कहा कि लालटेन की मद्धिम रौशनी से पूरे गांव में उजाला करना मुश्किल है। यही कारण है कि गांव—गांव बिजली पहुंचाई गई है। उन्होंने आगे लिखा कि गांव में अब नरसंहार नहीं विकास के काम हो रहे हैं।

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