पटना : आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्यतिथि है। उन्होंने 1951 में जनसंघ की स्थापना की थी। आगे चलकर 1980 में जनसंघ ने ही भारतीय जनता पार्टी का रूप लिया। मुखर्जी भारतीय राजनीति का एक नामचीन चेहरा और एक प्रसिद्ध शिक्षाविद थे। इन्होंने पहली सरकार के कार्यकाल के दौरान उद्योग और आपूर्ति मंत्री का पद भी संभाला था।
भारतीय राजनीति में अलख जगाने वाले मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में हुई। प्रारंभिक शिक्षा देश में ग्रहण करने के बाद वे कानून की पढाई करने इंग्लॅण्ड गए थे। वहां से आने के बाद मात्र 33 वर्ष की उम्र में वे कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर नियुक्त हुए थे।
प्रदेश कार्यालय में सिर्फ औपचारिकता
मुखर्जी जी की पुण्यतिथि बिहार के विभिन्न जिलों में धूम-धाम से मनाई गयी। जबकि प्रदेश कार्यालय ने इसे अपना एक काम समझकर सिर्फ औपचारिकता भर पूरी की। प्रदेश बीजेपी कार्यालय में इस मौके पर मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय के फोटो पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया गया। इस मौके पर प्रदेश बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता मौजूद नहीं था।
क्यों हो रही मुखर्जी की चर्चा
जब भी कश्मीर मुद्दा, अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A की चर्चा होती है, तब श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद किया जाता है। मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 के विरोध में जोरदार वकालत की थी। वे इसके पक्ष में बिलकुल नहीं थे। उन्होंने 1952 में जम्मू के विशाल रैली में कहा था कि इसके लिए वे अपने जीवन को भी बलिदान कर सकते हैं। उन्होंने इस मामले को लेकर तात्कालिन नेहरू सरकार को भी चुनौती दी और अपने बात पे अटल रहें थे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिए बिना परमिट के ही वे जम्मू निकल पड़े, जहाँ उन्हें गिरफ्तार कर नजरबन्द कर दिया गया। 23 जून 1953 को उनकी मृत्यु हो गयी।