पटना : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में संचालित आतंकी कैंपों पर वायुसेना के जबरदस्त एयर स्ट्राइक के बाद पूरे भारत में खुशी का माहौल है। भारतीय वायुसेना की यह कार्रवाई पक्की खुफिया जानकारी पर की गयी जिसमें यह स्पष्ट था कि बालाकोट में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, प्रशिक्षक एवं सीनियर कमांडर मौजूद हैं। जंगल-पहाड़ के बीच स्थित बालाकोट सेंटर को जैश के आतंकी सुरक्षित डेन मान रहे थे। कांधार में छोड़े जाने के बाद मसूद अजहर ने इसी सुरक्षित स्थान पर अड्डा बनाया था। पिछले बीस वर्षों से भारत में आतंकी कार्रवाई का यह प्रमुख केंद्र बना हुआ था। भारत की हवाई सेना ने लाईन आफ कंट्रोल को पार करके यह कार्रवाई की।
देश में पाकिस्तानी स्लीपर सेल पर कड़ी नजर
पहले तो पाकिस्तान की ओर से यह भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी कि भाारतीय वायु सेना ने एलओसी पार किए बिना ही यह हमला किया है। एनडीटीवी और बीबीसी की ओर से 26 की सुबह यह खबर फैलायी गयी थी। लेकिन कुछ ही घंटे बाद ये मीडिया हाउस भी पलट गए। इस कार्रवाई के साथ ही खुफिया एजेंसियों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान भारत में मौजूद अपने स्लीपर सेल के माध्यम से तबाही मचा सकता है। इसी को देखते हुए स्लीपर सेल पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उनसे कड़ाई से निबटने की भी तैयारी है।
विदेश सचिव ने दुनिया को दिया स्पष्ट संदेश
विदेश सचिव विजय गोखले ने पूरी दुनिया को जानकारी देते हुए कहा कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि देश के विभिन्न हिस्सों में जैश-ए-मोहम्मद एक और आत्मघाती आतंकी हमले की कोशिश कर रहा था। फिदायीन जिहादियों को पाकिस्तान के आतंकी कैंपों में इस काम के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा था। इसीलिए भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े कैंप पर हमला किया। विदेश सचिव ने विश्व समुदाय के समक्ष स्पष्ट कहा कि भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा प्रशिक्षण शिविर ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद में बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, सीनियर कमांडर, फिदायीन हमला करने वाले जिहादी मारे गए। इस कैंप का नेतृत्व मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था, जो जेएएम प्रमुख मसूद अजहर के बहनोई है। वह भी इस हमले में मारा गया।