पटना : बिहार में महागठबंधन तार—तार हो गया है। मांझी के बाद अब कांग्रेस ने भी अकेले अपने दम पर उपचुनाव में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला कर लिया है। इसके साथ ही राज्य में राजद के बड़े भाई की भूमिका और उसके नेता तेजस्वी यादव की एलायंस चलाने की योग्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। बीती देर शाम को प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि उपचुनाव में सभी पांचों सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी।
कांग्रेस=5, राजद=4, हम और वीआईपी=1-1 सीट का दावा
जो सीन बना है उसके अनुसार महागठबंधन के प्रमुख घटक राजद ने चार तो मांझी की हम और मुकेश साहनी की वीआईपी ने भी एक-एक सीट पर तथा कांग्रेस ने सभी पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी। ऐसे में अब यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि बिहार में महागठबंधन खंड—खंड हो चुका है। यहां सबसे खास बात यह कि मांझी के अलावा अब कांग्रेस ने भी तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इनकार किया है।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव वीरेंद्र सिंह राठौड़ साफ कहा कि कांग्रेस उपचुनाव की सभी सीटों पर उम्मीदवार देगी। इसके लिए नाम तय कर लिए गए हैं। बस अब अंतिम फैसले का इंतजार है जो आलाकमान को लेना है। बिहार में महागठबंधन के नेता को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर रहेगी। राठौड़ ने किसी का नाम ताे नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को आरजेडी नेता व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ माना जा रहा है।