प्रधानमंत्री मोदी का जीवन जनसेवा और राष्ट्र साधना का पर्याय- चौबे
पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 83वें मन की बात के जरिए देशवासियों के संबोधन पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का जीवन जनसेवा और राष्ट्र साधना का पर्याय है। उनके संबोधन का प्रत्येक शब्द भारत माता, भारत के विकास, इतिहास, पर्यावरण, कला संस्कृति और आमलोगों के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन हमेशा उत्साहवर्धक, प्रेरणादाई और ऊर्जा बढ़ाने वाला होता है।
केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अमृत महोत्सव, वृंदावन धाम की भव्यता, पर्यावरण, अंबेडकर जयंती, नौसेना दिवस, सशस्त्र सेना झंडा दिवस,1971 के युद्ध का स्वर्णिम जयन्ती, प्राकृतिक संसाधनों को बचाने, सरकारी योजनाओं सहित रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं, मेजर ध्यानचंद जैसे खेल रत्न, संतों और देश के सुरक्षाबलों का सार्थक चर्चा कर अपने मन की बातें रखी जिससे पता चलता है कि हमेशा उनके मन में भारत माता और भारतवासी ही रहते है।
अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि मोदीजी का ये संबोधन किसी भी देशवासी के मन को छू लेता है कि “मैं आज भी सत्ता में नहीं हूं और भविष्य में भी सत्ता में जाना नहीं चाहता. मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूँ, मेरे लिए ये पद, ये प्रधानमंत्री सारी चीजें ये सत्ता के लिए है ही नहीं, सेवा के लिए है”। साथ ही उन्होंने “प्रकृति को मां बताया और उसके संरक्षण करने की अपील करते हुए कहा कि प्रकृति से हमारे लिए तभी खतरा पैदा होता है जब हम उसके संतुलन को बिगाड़ते हैं या उसकी पवित्रता नष्ट करते हैं”।
चौबे ने कहा कि जनजातीय गौरव सप्ताह, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में जारवा और ओंगे जनजातीय समुदायों के लोगों की चर्चा और स्टार्ट अप के तेज रफ्तार विकास की बात कर देश के लोगों का उत्साहवर्धन किया।