अगर BJP कोटे के मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, तो बिहार में राष्ट्रपति शासन तय
पटना : बिहार में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच भाजपा खेमे से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। भाजपा खेमे से यह खबर आ रही है कि बहुत जल्द भाजपा कोटे के सभी मंत्री अपना इस्तीफा दे सकते हैं। नीतीश के राज्यपाल से मुलाकात से पहले भाजपा कोटे के मंत्री इस्तीफा देने की सोच रहे हैं।
इस्तीफा देने के बाद भाजपा नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है। इसी बीच यह भी खबर है कि विधानसभा अध्यक्ष अनुशासन समिति की रिपोर्ट के आधार पर विपक्ष के कुछ विधायकों की सदस्यता रद्द कर सकते हैं। ऐसा होते ही बिहार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को फिर से सबसे बड़ी पार्टी हो जाएगी।
इसके बाद राज्यपाल अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योत देंगे। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कोई नेता अगर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले भी लेते हैं, तो उनके पास बहुमत नहीं होगा। ऐसी स्थिति में भाजपा राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करेगी और बिहार में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लग सकता है। इसके बाद मध्यावधि चुनाव होना तय है।
वैसे विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा नीतीश कुमार को अपने साथ सरकार में बने रहने का अनुरोध की है। लेकिन, नीतीश कुमार अब इस स्थिति में पहुंच चुके हैं कि वे अब सरकार में बने नहीं रहेंगे। ऐसी स्थिति में भाजपा नेतृत्व का कहना है कि या तो सरकार में रहिए या फिर चुनाव में चलिए। हालांकि, भाजपा का एक धरा अभी शांत रहकर राजनीतिक हालात को समझने के पक्ष में है।
वैसे भी हालिया राजनीतिक प्रकरण पर बीजेपी के तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है। लेकिन, चिराग पासवान के तरफ से जो बयान आ रहा है, उससे स्पष्ट होता है कि चिराग पासवान बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं। चिराग पासवान यह कह रहे थे कि जैसे ही नीतीश कुमार की महागठबंधन में कुर्सी फिक्स होती है, वैसे ही वे पाला बदल लेंगे। लेकिन, यह सरकार चलेगी नहीं और बिहार में मध्यावधि चुनाव होकर रहेगा।