प्रवासी मजदूरों व छात्रों को घर वापस लाने के लिए चलेंगी ट्रेनें? आज की बैठक में हो सकता है फैसला
वैश्विक महामारी बन चुका कोरोना से भारत में अब तक 31,324 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 1008 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7747 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। इस संकट से निपटने के लिए देशव्यापी लॉक डाउन जारी है।
प्रवासी मजदूरों व अपने घरों से दूर रह रहे छात्रों को घर वापस लाने के दबाव के मद्देनजर रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में देश में रेलवे को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा होगी। इस बैठक में पूरे देश से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर व्यावहारिक दृष्टि से विचार किया जाना है।
इसके साथ ही कोरोना के फैलाव की किसी भी संभावना से विचार नहीं होगा। ऐसे में कोटा जैसे जिलों व स्थानों के जिलाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जिलाधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट की भारत सरकार के विषेशज्ञ व अधिकारी समीक्षा करेंगे। ट्रेनें के फिर से सीमित दायरे में परिचालन को लेकर यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ज्ञात हो कि कोरोना के कारण 22 मार्च से ही सारी पैसेंजर ट्रेनें बंद हैं। कोरोना को लेकर देशव्यापी लाॅकडाउन 3 मई को समाप्त हो रहा है। इसके बाद देश के विभिन्न राज्यों से प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग पर विचार किया जा रहा है। आपात स्थिति में रेलवे यदि कुछ ट्रेन चलाती भी है तो उसमें एसी कोच नहीं होगा ताकि संक्रमण का खतरा कम किया जा सके।
इन तमाम पहलुओं पर बुधवार की अति महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा की जाएगी और इस तरह के ट्रेन परिचालन में आने वाली परेशानियों की संभावना पर भी विचार किया जाएगा। वैसे स्टेशन तक लोगों को लाने की जिम्मेदारी भी प्रशासन का ही होगा।