पटना : नागरिकता संसोधन बिल पर जदयू द्वारा मोदी सरकार को समर्थन के बाद प्रशांत किशोर की बेचैनी का खुलासा करते हुए बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि उनके धंधे से जदयू का ताजा स्टैंड मेल नहीं खाता। श्री जायसवाल ने कहा- ‘बहुत लोग राजनीति में समाजसेवा के लिए आते हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका धंधा राजनीति है। धंधा करने वाला अपने मालिक (ममता बनर्जी) का ख्याल तो रखेगा ही। उसे मालिक से पैसे जो मिलते हैं।’ मालूम हो कि प्रशांत किशोर इस समय तृणमूल कांग्रेस के चुनाव कैंपेन की कमान संभाल रहे हैं।
बिल धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं: जदयू
विदित हो कि कल सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया था। इस बिल पर सदन में हुई चर्चा में जदयू के सांसद ललन सिंह ने अपनी पार्टी की तरफ से बिल का समर्थन किया था। ललन सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान में सताए गए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाती है तो यह सही है। यह बिल धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है। चर्चा के बाद नागरिकता संशोधन बिल सोमवार की देर रात को लोकसभा में पास हो गया। वोटिंग में बिल के पक्ष में 311 और विपक्ष में 80 वोट पड़े।
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प्रशांत किशोर पहली बार चर्चा में तब आये जब 2014 में उन्होंने भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी को भारी जीत प्राप्त हुई।
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इसके बाद भाजपा से उनकी खटपट हो गई और वे कांग्रेस, महागठबंधन और फिर जदयू से जुड़ गए। हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी चुनावी रणनीति वाली दुकान हर किसी के लिए खोली रखी। इसी वर्ष के शुरू में मुजफ्फरपुर में जदयू छात्र इकाई के कार्यक्रम में प्रशांत ने खुद को किंगमेकर बताया था। उन्होंने कहा था कि अगर मैं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाने में मदद कर सकता हूं तो बिहार के युवाओं को सांसद, विधायक या फिर मुखिया बनाने में भी मदद कर सकता हूं। इस पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था कि किसी को यह गलतफहमी न हो कि वह किसी को सांसद या विधायक बना सकते हैं।
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