पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार और आईपैक कंपनी के सीएमडी प्रशांत किशोर की राजनीतिक ठेकेदारी अब दक्षिण भारत के तमिलनाडु में होगी। बाजाप्ता उनकी वार्ता डीएमके नेता एमके स्टालिन से हो गई है। महज एग्रीमेंट पर साईन शेष है। निकट भविष्य में ही एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर के लिए यात्रा करेंगे। किसी दक्षिण भारतीय राज्य में उनकी पहली राजनीतिक यात्रा होगी।
ममता के बाद स्टालिन का लिया जिम्मा
भाजपा से मनमुटाव के बाद उन्होंने बिहार में महागठबंधन के लिए काम करते हुए पं बंगाल में ममता बनर्जी के लिए काम किया। वे संभवतः देश के पहले वैसे मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं जो बाजाप्ता कंपनी खोल कर पाॅलिटिकल ठेका लेता हैं। उन पर आरोप भी लगा कि आखिर किस हैसियत से वे दोनों जगहों पर कार्य करते हैं। पर, बचाव में जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने यहां तक कहा कि कंपनी उनका व्यवसाय है। उससे पार्टी को को कोई लेनादेना नहीं।
जयललिता व करूणानिधि की मृत्यु के बाद पहला चुनाव 2021 में बहरहाल, बिहार में पीके के नाम से प्रचलित प्रशांत तमिलनाडु में होने वाले 2021 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। जनवरी 2020 में वे दक्षिण के तमिलनाउु में अपना डेरा-डंडा डाल देंगे। सूत्रों ने बताया कि जनवरी में फाईनल एग्रीमेंट के लिए ही पहुंचेगे। सारी औपचासरिकताएं पूरी कर लीं गईं हैं।
बता दें कि तमिलनाडु की दो प्रमुख हस्ती करूणानिधि और जयललिता के निधन के बाद वहां 2021 में चुनाव होंगे। स्टालिन का वहां पुराना बेस है। ऐसे में पीके ने साॅफट केक की ओर हाथ बढ़ाया है ताकि उनकी भद न पिटे।