पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट जैसी बचत योजनाओं पर सरकार ब्याज दर घटाने जा रही है। बचत की प्रवृति बढ़ाने के उद्येश्य से सरकार छोटी बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज देती रही है। छोटी बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज दर के चलते बैंकों को भी अपने यहां जमा राशि पर अधिक ब्याज देने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार बैकों की स्थिति सुधारने एवं मंदी की स्थिति से निबटने की योजना पर काम कर रही है। ऐसे में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज घटाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। वैसे भी इन योजनाओं के ब्याज दर बाजार की स्थिति से निर्धारित नहीं होते रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने दो दिनों पहले ही बैंकों को अपने रिटेल और एमएसएमई लोन नीति में बदलाव के आदेश दिए हैं। इससे नया लोन सस्ता होगा। संभावना यह भी व्यक्त की जा रही है कि एफडी के ग्राहक छोटी बचत योजनाओं की ओर रुख कर सकते हैं। शायद इसी आशंका से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को घटाने का फैसला सरकार कर रही है।
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