वृद्ध आश्रमों पर दबंगों का कब्ज़ा, अब तबेला और मवेशियों के बथान बनकर रह गए
बगहा : बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में वृद्ध असहायों के लिए सरकार ने एक बेहतर सोच के साथ लाखों रुपये खर्च कर अलग-अलग प्रखंडों में तीन वृद्धाश्रम बनवाए, लेकिन तीनों आश्रम पर दबंगों का कब्जा है।
इलाके के रतनमाला वार्ड नंबर 31 समेत शास्त्रीनगर और बगहा 2 में बनवाये गए वृद्धाश्रम अब तबेला और मवेशियों के बथान बनकर रह गए हैं। यहां दबंगों का कब्ज़ा है।
बगहा में कुछ दबंग निजी लोगों द्वारा कब्जा कर यहां वृद्ध आश्रम में गाय, भैंस बांधे जाते हैं और उनका चारा रखा जाता है। साथ ही कुछ लोग ख़ुद इसे अपने निजी उपयोग में ला रहे हैं, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि वृद्धाश्रम निर्माण के वर्षों बाद भी उसकी सुधि नगर प्रशासन ने नही ली है और ना ही उद्घाटन ही हो पाया है। यहां बेसहारे और वृद्ध लोगों को रखने की व्यवस्था तो दूर की बात है।
नगर पालिका परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ अमीत कुमार को वस्तु स्थिति से अवगत कराया तो उन्होंने वृद्धाश्रम को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराने की बात कही है और जनाब ने मामले पर गंभीरता जताते हुए आश्रम को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए सिटी मैनेजर समेत संबधित थाना पुलिस को निर्देश दिया है।
अब देखने वाली बात होगी कि असहाय बुजुर्गों के लिए निर्मित इन वृद्धाश्रमों से अवैध कब्जा हटवाने और इसके उद्घाटन की प्रक्रिया शुरू करने में नगर पालिका प्रशासन कामयाब होता भी है या नहीं।