सारण : बिहार में अपराधी कितने बेखौफ हो चले हैं, इसकी बानगी सारण के मढ़ौरा में देखने को मिली। अब यह खुलासा हुआ है कि वहां अपराधियों ने न सिर्फ एक दारोगा और एक सिपाही को गोलीबारी कर मार डाला, बल्कि पुलिस की एक एके-47 राइफल और दारोगा का सर्विस रिवाल्वर भी लूट लिया था। इस खुलासे ने बिहार पुलिस के निजाम पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
डीजीपी पहुंचे सारण, शहीदों को सलामी
इधर बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपराधियों की इस हरकत को कायराना बताते हुए उन्हें पुलिस द्वारा करारा जवाब देने का भरोसा दिलाया है। डीजीपी ने बुधवार को सारण पहुंचकर दारोगा मिथिलेश और सिपाही फारुक के पार्थिव शरीर को सलामी दी। इसबीच शहीद दारोगा के परिजनों ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
परिजनों को आशंका है कि मंगलवार की शाम दारोगा की अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ किसी साजिश का हिस्सा भी हो सकती है। शहीद दारोगा के भाई ने कहा कि जिस तरीके से उनके भाई की हत्या हुई है उससे साज़िश की बू आ रही है। परिजनों ने पूरे घटनाक्रम में सीबीआई की जांच की मांग की है।
मढ़ौरा बाजार में कैसे हुई घटना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हमलावरों ने पुलिस की टीम पर फिल्मी स्टाइल में हमला किया। मंगलवार की शाम दारोगा मिथिलेश बोलेरो से अपनी टीम के साथ छापेमारी करने मढ़ौरा बाजार पहुंचे। अपराधी दो स्कार्पियो पर सवार थे। एक गाड़ी पर सवार अपराधियों ने ओवरटेक कर पुलिस बोलेरो को आगे से घेर फायरिंग शुरू कर दी। दूसरी स्कार्पियो पर सवार बदमाशों ने बोलेरो पर पीछे से फायरिंग की।
दोनों स्कार्पियो मढ़ौरा से छपरा की ओर आ रही थी। करीब दस मिनट के अंदर अपराधी दारोगा और सिपाही की हत्या को अंजाम देकर सफेद स्कार्पियो से भाग निकले। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि मिथिलेश कुमार को अपराधी पहचान गए थे और वे अपराधियों के निशाने पर थे। पुलिस को संभलने तक का मौका नहीं मिला था। सूत्रों के अनुसार घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी पुलिस की एके 47 व एक रिवाल्वर लूट कर लेते गए।