पटना : नए निजाम ने बिहार पुलिस का मोड बदलना शुरू कर दिया है। पुलिस प्रमुख पांडेय की धमक पहले दिन से ही दिखनी शुरू हो गई। अपराधियों की गोली का जबाब अब बिहार पुलिस भी गोली से देने लगी है। इसका ताजा उदाहरण मुजफ्फरपुर में शुक्रवार की देर रात देखने को मिला जहां बस स्टैंड के एक एजेंट की हत्या कर भाग रहे बदमाशों को त्वरित एक्शन कर पुलिस ने मौके पर ही घेर लिया और मुठभेड में एक हमलावर को ढेर कर दिया। हालांकि मृतक के दो अन्य साथी भागने में सफल रहे। लेकिन इस त्वरित कार्रवाई ने पुलिस के नए एक्शन मोड की झलक अपराधियों को जरूर दे दी है।
मुजफ्फरपुर स्थित बैरिया बस स्टैंड में की घटना ही नहीं, इसके पूर्व पटना और बेगुसराय में हाल में हुए एनकाउंटर भी पुलिस की बदली हुई रणनीति की ओर ही इशारा कर रहे हैं। साफ है कि सूबे की पुलिस अब अपराधकर्मियों की गोली का जबाब गोली से देने को तत्पर हो चुकी है।
पुलिस महानिदेशक का पद संभालने के तीसरे दिन ही नए डीजीपी श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये राज्य के पुलिस अधीक्षकों एवं फील्ड में तैनात अन्य सीनियर अधिकारियों को अपराधियों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कानून के दायरे में रहते हुए अपराधकर्मियों पर नकेल कसने के कुछ टिप्स भी दिए।
आसन्न लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक ने पुलिस के बदलते तेवर के जरिये अपराधियों को संदेश देने व निजाम के हनक का अहसास कराने का भी निर्देश पुलिस अधीक्षकों को दिया। साथ ही सामाजिक सौहार्द बनाये रखने में पुलिस की जिम्मेदारी का भी अफसरों को उन्होंने अहसास कराया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अपराध नियंत्रण में कोताही कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी।
दो घंटे से ऊपर चले विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान श्री पाण्डेय ने शराबबंदी को सख्ती से लागू किये जाने की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह स्पस्ट है कि कुछ पुलिसकर्मी अपने कर्त्तव्य के प्रति सचेत नहीं हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसका खामियाजा पूरी जमात को मिले।
पुलिस महानिदेशक ने पद संभालते ही पांच वरीय अधिकारियों की विशेष टीम गठित कर पुलिस के बदले तेवर का अहसास करा दिया था। राज्य में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं ने पुलिस का चैन छीन लिया है, तथा अपराध नियंत्रण की पोल खोल कर रख दी है। तेजी से बढ़ रहा अपराध बेशक चिंता का विषय है। ऐसे में आमलोगों की सुरक्षा को लेकर डीजीपी के तेवर उम्मीद जताते हैं। शुक्रवार की रात मुजफ्फरपुर और सिवान में हुई हत्याओं ने पुलिस अधिकारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। अब देखना है कि पुलिस क्या और किस अंदाज में उत्तर देती है…।