पीके के पाले में नीतीश की गेंद, मिलकर चर्चा करें या…?

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पटना : NRC और CAA के मुद्दे पर लगातार जदयू के आधिकारिक स्टैंड को चुनौती देने वाले पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को भी आज सीएम नीतीश कुमार ने आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि जदयू को समझने की जरूरत है। कुछ लोगों के बयान से जदयू को आप नहीं समझ सकते। पार्टी का हर बात पर स्टैंड साफ है और कहीं कोई कन्फ्यूजन नहीं है। जिसे भी परेशानी हो वो मिलकर चर्चा करें।

प्रशांत किशोर के लिए सीएम नीतीश कुमार का लहजा सख्त जरूर था, पर कार्रवाई के मामले में अभी यह देखना होगा कि आने वाले समय में पीके अपनी हरकतों को विराम देते हैं या बयानबाजी जारी रखते हैं। फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव से पार्टी ने पीके को बाहर करने के साथ ही राजगीर में चल रहे जदयू के दो दिनी प्रशिक्षण शिविर से भी आउट कर दिया है। पिछली बार ऐसे शिविर में प्रशांत किशोर ने पार्टी वर्करों को प्रशिक्षित किया था।

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साफ है कि एनडीए और जदयू के खिलाफ लगातार बयान देने वाले प्रशांत किशोर को जदयू ने एक तरह से साइड करना शुरू कर दिया है। लेकिन जिस तरह के तेवर पीके ने दिखाए हैं, उसके लिए महज यह सख्ती काफी नहीं है। जबकि पार्टी लाइन से हटने वालों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस और फिर अनुशासनात्मक कार्रवाई का तरीका सामान्य तौर पर अपनाया जाता है।

दरअसल, सीएम नीतीश की भी कुछ मजबूरियां हैं। चुनावी साल में सीएम नीतीश कुमार किसी पर कार्रवाई कर शहीद का दर्जा देने से बचना चाह रहे हैं। ऐसे में उन्होंने आज यह स्पष्ट कर दिया कि उनके लिए भाजपा से गठबंधन ज्यादा मायने रखता है। एनडीए में किसी भी तरह की असहज स्थिति पैदा करने वालों को वे बिल्कुल ही तवज्जो नहीं देंगे।

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