पटना में वायु प्रदूषण से 8 वर्ष कम हो रही लोगों की जिंदगी, जानें कैसे…
पटना/नयी दिल्ली : शिकागो विवि ऊर्जा नीति संस्थान यानी EPIC ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार भारत में सिन्धु-गंगा का मैदानी क्षेत्र दुनिया में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण वाला इलाका है। इसके तहत पंजाब से लेकर समूचा पश्चिम बंगाल तक का क्षेत्र और इस दरम्यान में आने वाले राज्य आते हैं। रिपोर्ट में इस इलाके में आने वाले पटना, लखनऊ, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में लोगों की उम्र में 10 से लेकर साढ़े 7 वर्ष की कमी आने का अंदेशा जताया गया है। देश के पांच सबसे प्रदूषित राज्यों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और त्रिपुरा का नाम शामिल है। वायु प्रदूषण के कारण इन राज्यों की आबादी की जीनव प्रत्याशा कम हुई है।
शिकागो विवि ऊर्जा नीति संस्थान की रिपोर्ट
नवीनतम वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वायू प्रदूषण के कारण जहां दिल्ली में लोगों की औसत उम्र 10 वर्ष कम हो रही है, वहीं पटना और लखनऊ में लोगों की उम्र में क्रमश: 8 और 9.5 वर्ष की कमी हो रही है। साथ ही यदि इस इलाके और इन शहरों में वायु प्रदूषण का वर्त्तमान स्तर लगातार बना रहता है तो पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक 50 करोड़ से अधिक की आबादी की औसत आयु करीब साढ़े 7 वर्ष छोटी हो सकती है।
मैदानी क्षेत्र में प्रदूषण घातक, शेष में कम
भारत इस समय बांग्लादेश के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला देश माना जाता है। यहां एक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जहां भारत के बाकी हिस्से में प्रदूषण का स्तर तय मानक से कम है, वहीं मैदानी इलाकों में यह तय मानक से 10 गुना तक ज्यादा होकर काफी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पीएम 2.5 पैमाने ने साफ की तस्वीर वायू प्रदूषण को मापने के लिए पीएम 2.5 मानक को स्टैंडर्ड माना जाता है। पीएम 2.5 जहरीले पदार्थों से बना एक अत्यंत सूक्ष्म कण है जो फेफड़े और अन्य अंगों में गहराई तक जमा हो जाता है। भारत में 2020 में गंगा के मैदानी भागों में पीएम 2.5 के स्तर के साथ सिंधु—गंगा का मैदानी क्षेत्र 76.2 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर/75.8 यूजी/M3 के साथ सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया। जबकि शेष भारत में प्रदूषण का स्तर काफी कम देखा गया।