जनता जान रही हर सच्चाई, सीएम के अपने हीं हैं शराब कारोबारी

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पटना : बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार की सरकार लगातार एक्शन मोड में काम कर रही है। सोलह नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लगातार 7 घंटों तक हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद पूरे प्रदेश में मद्य निषेध विभाग ने अपनी कमर कस ली है। वहीं, दूसरी तरफ इस मसले को लेकर सियासी घमासान भी शुरु हो गया है। बिहार के नेता विपक्ष ने शराबबंदी को लेकर सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधा है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जो लोग बैठते हैं वही लोग शराब के कारोबार में लगे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार के कितने विधायक, मंत्री इस काम में लगे हुए यह पूरे राज्य की जनता जान रही है। नेता विपक्ष ने मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए कहा कि सरकार को सबसे पहले अपने मंत्री, विधायक के यहां जांच करवानी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार यह बताए कि वर्ष 2005 के बाद बिहार में कितनी शराब की नई दुकानें खोली गईं, और 2005 के पहले बिहार में कितने शराब की दुकानें थी। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के नाम पर सिर्फ ढकोसला किया जा रहा है। हर जगह शराब की होम डिलिवरी की जा रही है।

वहीं, इसके साथ ही उन्होंने जेडीयू द्वारा आगामी 24 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम 15 साल बेमिसाल पर तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि जेडीयू किस हिसाब से 15 साल बेमिसाल की बात कर रही है। बिहार किस मामले में बेमिसाल हुआ है- बेरोजगारी, अस्पतालों की बदहाली, 15 साल में एक भी कारखाना नहीं लगा, बिहार में बाढ़ और सुखाड़ है। आखिर किस इस मामले में बिहार बेमिसाल हुआ है।

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