Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured Trending बिहार अपडेट संस्कृति

पहली सोमवारी : मंदिर नहीं तो भगवान शिव पर ऐसे करें आस्थाभिषेक

पटना : आज सोमवार से सावन माह शुरू हो गया है और आज ही पहली सोमवारी भी है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते एहतियातन बिहार के शिवालयों और मंदिरों में ताला जड़ दिया गया है। ऐसे में इस बार न तो बोलबम का जयघोष करते कांवरिये वाला जोश मौजूद है और न शिवालयों में सार्वजनिक रूप से जलाभिषेक किया जा रहा है। लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं। प्रशासन ने जलाभिषेक पर रोक के साथ ही सावन मेलों पर भी रोक लगाई है।

कोरोना के चलते जलाभिषेक पर पाबंदी

कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए आप अपने घर पर ही भगवान भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं। हालांकि कुछ चुनिंदा मंदिरों के गेट के बाहर बने अरघे से भी लोग जल अर्पित कर सकते हैं लेकिन ज्योतिषाचार्यों ने लोगों से घर में ही पूजा—पाठ की अपील की है। उनके अनुसार भगवान शिव आस्था और मां पार्वती श्रद्धा की प्रतीक हैं। ऐसे में यदि आप पूर्ण आस्था के साथ भगवान शिव को कहीं भी जल अर्पण करेंगे तो वे उसे स्वीकार करते हैं। भगवान सब जानते हैं। यह कोरोना काल है। यह तथ्य ईश्वर से छुपा नहीं है।

कैसे करें पूजा, बताते हैं ज्योतिषाचार्य

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार सावन मास की शुरुआत शिववास और सोमवारी से शुरू हो रही है जो अति शुभ है। सोमवार 6 जुलाई को सुबह 9.02 बजे तक शिववास है। मान्यता है कि शिववास में भगवान शिव और पार्वती मौजूद होते हैं। इस दौरान भोलेनाथ का पूजन, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक अति फलदायी रहेगा। सावन मास शिव को बहुत प्रिय होता है पर सावन की सोमवारी और भी प्रिय है। इसलिये सावन की सोमवारी को व्रत-पूजन, जलाभिषेक,रुद्राभिषेक आदि से उनकी कृपा अधिक मिलती है।

भगवान शिव ही अकेले ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों हैं। श्री विग्रह साकार और शिवलिंग निराकार। भगवान शिव रुद्र हैं। हम जिस अखिल ब्रह्मांड की बात करते हैं और जिस एक ही सत्ता का आत्मसात करते हैं, वह कोई और नहीं भगवान शिव अर्थात रुद्र हैं। रुद्र हमारी सृष्टि और समष्टि हैं। समाजिक सरोकार से भगवान शिव से ही परिवार, विवाह संस्कार गोत्र, ममता, पितृत्व, मातृत्व, पुत्रत्व, सम्बोधन संबंध आदि अनेकानेक परम्पराओं की नींव पड़ी। भगवान शिव के बिना न आस्था हो सकती है और न पार्वती जी के बिना श्रद्धा। भगवान का विवाह भी संकटकाल में हुआ। ऐसे में कोरोना संकट के इस समय में आस्था और श्रद्धा के साथ घर में भी की गई शिव पूजा को भगवान उत्कृष्ट फल प्रदान करते हैं।