विश्वस्तरीय बनाया जाएगा पटना का जंतु संग्रहालय: अश्विनी चौबे
पटना : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सावर्जनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पटना का जंतु संग्रहालय विश्वस्तरीय बनाया जाएगा। उन्होंने शुक्रवार देर शाम बिहार एवं झारखण्ड के क्षेत्रीय कार्यालय जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, गंगा समभूमि प्रादेशिक केंद्र,पटना के जंतु संग्रहालय एव कार्यालय का भ्रमण किया। इसके उपरांत अधिकारियों के साथ बैठक में जंतु संग्रहालय पटना को विश्वस्तरीय बनाने को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया हर संभव मदद उपलब्ध कराएगा।
यहाँ देश से विलुप्त होते जा रहे डॉल्फिन
केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि इस कार्यालय के संग्रहालय में देश से विलुप्त होते जा रहे डॉल्फिन, पक्षियों एवं अन्य जंतुओं बहुमूल्य संग्रह है। जिसे विश्व स्तरीय बनाने की जरुरत हैI यह मेरे विभाग के लिए गौरव की बात होगी जब हम इसे विश्व स्तरीय बनायेंगे। जिसमें विदेश के भी वैज्ञानिक आकर शोध करेंगे I
हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी
यहाँ के वैज्ञानिको यथा डॉ. गोपाल शर्मा, संस्थान के संयुक्त निदेशक भी हैं तथा डॉ. राहुल जोशी, वैज्ञानिक सी के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह आपलोगों के अथक प्रयास का नतीजा है कि इतने बड़े पैमाने पर संग्रहालय में जंतुओं का संग्रह कर रखा है लेकिन इसे विश्व स्तरीय बनाने की जरुरत हैI आपलोग विश्व स्तरीय पत्र पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित कर रहे हैंI मैं आप लोगों को जो भी मदद करने की आवश्यकता होगी, मैं करूंगाI
संस्थान 1965 से कर रहा है काम
केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि संस्थान स्थापना वर्ष 1965 से ही गांगेय क्षेत्रों के वन्यजीवों के अध्ययन के लिए बिहार एवं झारखंड दोनों राज्यों के वन्य-प्राणियों का अनुसन्धान, संरक्षण एवं दस्तावेजीकरण का कार्य कर रहा है जो कि एक बहुत ही सराहनीय कार्य हैI उन्होंने आगे कहा कि डॉल्फिन हमारा राष्ट्रीय जलीय जंतु है एवं भारतीय वन्य-प्राणी अधिनियम 1972 के तहत यह अनुसूची -1 (Schedule-1) का एक प्राणी हैI नदी में इसका वही स्थान है जो जंगल में बाघ का है I
अश्विनी कुमार चौबे ने आगे कहा कि बिहार के दो वैज्ञानिक डॉ. गोपाल शर्मा एवं डॉ. अतुल आदित्य पाण्डेय जी को SEAC एवं SEIAA के चेयरमान यहाँ उपस्थित हैंI इनलोगों के नाम की घोषणा हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा राजपत्र घोषणा के द्वारा किया गया है जो कि बहुत ही ख़ुशी की बात हैI दोनों वैज्ञानिक पटना सायंस के पूर्ववर्ती छात्र हैं और अभी तो डॉ. अतुल आदित्य पाण्डेय जी भूगर्भ शास्त्र विभाग पटना विश्वविद्यालय के अध्यक्ष भी हैंI
कछुआ तो गंदगी को साफ़ करता है
चौबे ने बिहार की नदियों में पाए जाने वाले कछुए, घड़ियाल एवं अन्य वन्य प्राणी के संरक्षण की बात कही उन्होंने कहा कि कुछ कछुआ तो गंदगी को साफ़ करता है मृत पशुओं को खाता है एवं नदी को शुद्ध रखता हैi डॉल्फिन के साथ-साथ घडियाल, कछुए उदविलाव एवं जलीय चिड़ियों पर भी खतरों के बादल मंडरा रहे हैंI पर्यावरण मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से इन प्राणियों के संरक्षण एवं अनुसन्धान कार्य चलाये जा रहे हैंI
वहीँ कुम्हरार विधान सभा के विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि गौरैया एवं कौआ हमारे समाज से गिद्ध की तरह समाप्त हो रहे हैं, लेकिन इस केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. गोपाल शर्मा ने बताया कि ये जीव क्यों और कैसे समाप्त हो रहे हैं उसके पीछे कारण क्या हैI उनके संरक्षण की बात भी बहुत बारीकी से बताई I विधायक ने आज के समय में बन रहे नए भवनों के डिजाईन में बदलाब की बकालत की I
इस अवसर पर नवीन कुमार, (पूर्व उप महाप्रवंधक, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगन) अजय यादव,(नमामी गंगे प्रोजेक्ट), प्रो. सत्येन्द्र कुमार सिंह(प्रो एस.एन .एस. कॉलेज,हाजीपुर, प्रो अतुल आदित्य पाण्डेय (अध्यक SEIAA, बिहार), डॉ श्रीमती बिभा कुमारी (सदस्य – विशेषज्ञ आंकलन समिति (SEAC)बिहार, सलोनी कुमारी , लता प्रासर, कल्पेश शर्मा सहायक निजी सचिव आदि उपस्थित थे।