युवाओं के दिल की ज़ुबान है ‘पटना वाला प्यार’। यहां से मिल सकती है पुस्तक।
पटना। बिहार की राजधानी पटना में पढ़ाई करने वाले हर युवा की एक प्रेम कहानी होती है। उनके एहसास और प्रेम को अब एक पुस्तक के रूप में पढ़ा जा सकता है। नवोदित लेख़क अभिलाष दत्त की पहली पुस्तक ‘पटना वाला प्यार’ लड़के—लड़कियों की कहानी का दास्तावेज है, जो कंप्टिशन की तैयारी या प्रोफेशनल कोर्स में पढ़ने के लिए हर साल दूसरे जिलों से पटना आते हैं। लेखक अभिलाष ने स्वत्व समाचार डॉट कॉम से विशेष बातचीत में बताया कि अपने छात्र जीवन में उन्होंने जीवन, परिवार, करिअर, दिल, प्यार, गर्लफ्रेंड, खुशी, नौकरी आदि के बारे जो महसूस किया, उसे शब्दों का रूप देता चला गया। आज यह पुस्तक के रूप में सबके सामने है। जो भी युवा इसे पढ़ेगा, वह इसके किसी न किसी कहानी से खुद को जुड़ा हुआ पाएगा।
अभिलाष बताते हैं कि पटना में प्यार और गर्लफ्रेंड ठेके पर उपलब्ध हो सकतीं हैं। प्यार दिलाने के लिए बकायदा एजेंट बहाल हैं। गोया प्रेम अब आत्मिक उद्गार नहीं, वरन बाजार का एक उत्पाद भर रह गया है। उन्होंने जो खुद देखा, समझा और दिल से महसूस किया, उसे ही कहानी का रूप दिया है। यही कारण है कि हर युवा पाठक इससे खुद को कनेक्ट कर पाएगा। यह पुस्तक पटना के प्रमुख बुक स्टॉल के अलावा फ्लिप्कार्ट से भी आॅनलाइन मंगाया जा सकता है। जिन्हें जल्द पुस्तक चाहिए, वे सीधे लेखक के मोबाइल नंबर (94725 96357) पर संपर्क कर पुस्तक प्राप्त कर सकते हैं।
विगत 04 दिसंबर को दि इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर में साहित्य संस्था लेख्य मंजूषा के द्वितीय वार्षिक महोत्सव में ‘पटना वाला प्यार’ पुस्तक का विमोचन किया गया। विमोचन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार अवदेश प्रीत ने किताब की परिचर्चा में कहा इस पुस्तक से साबित होता है कि आज के युवा भी हिंदी साहित्य में रुचि रखते हैं। यह खुशी कि बात है। एक ऐसे समय में जब आज की युवा पीढ़ी पढ़ना छोड़कर हर काम कर रही है, अभिलाष जैसे युवा का लेखन क्षेत्र में कदम रखना पूरे साहित्य जगत के लिए शुभ संकेत है। डॉ. अनिता राकेश ने कहा के अभिलाष ने अपने अनुभूति को बहुत सुंदर ढंग से अभिव्यक्त किया है, जिसने युवाओं के एक बड़े वर्ग की सोच की झलक मिलती है। संस्था की अध्यक्ष विभा रानी श्रीवास्तव ने लेखक अभिलाष को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आने वाले समय में अभिलाष के रूप में बिहार और देश को एक संवेदनशील साहित्यकार मिलने वाला है।