पटना : यूपी हो या कोलकाता, बिना किसी पीएम चेहरे के ही सही विपक्ष ने मोदी सरकार पर जो ताजा हमले शुरू किए हैं, उनका ठोस जवाब देने का निर्णय एनडीए ने कर लिया है। जानकारी मिली है कि ममता बनर्जी की कोलकाता रैली को एनडीए ने काफी गंभीरता से लेते हुए इसके जवाब में पटना में पीएम मोदी और नीतीश कुमार को एक मंच पर लाकर ठोस जवाब देने का निर्णय किया है। एनडीए की इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान एक मंच पर दिखेंगे। लंबे अंतराल के बाद ऐसा होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक साथ किसी रैली को संबोधित करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में हुई पार्टी की बैठक में इसका संकेत दिया। इसे विपक्षी पार्टियों के उभरते गठबंधन को एनडीए द्वारा जबाव देने की कोशिश के रूप में देखा रहा है। लोकसभा चुनाव अब काफी निकट है और बीजेपी समेत एनडीए के सभी घटक एक मंच पर खड़ा होकर जनता के बीच राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं।
यद्यपि एनडीए की इस प्रस्तावित रैली की तारीख अभी तय नहीं हुई, माना जा रहा है कि फरवरी के आखिर में या मार्च की शुरुआत में यह आयोजन हो। एनडीए सूत्रों के अनुसार नीतीश और मोदी का एक मंच पर साथ आना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद नीतीश ने बीजेपी हाईकमान से साफ कहा था कि नरेंद्र मोदी को कैंपेन के लिए बिहार नहीं आना चाहिए। इसके बाद 2005 और 2010 विधानसभा चुनाव में मोदी प्रचार के लिए बिहार नहीं आए। नरेंद्र मोदी 2009 के लोकसभा चुनाव में भी प्रचार करने बिहार नहीं आए थे। 2014 में नरेंद्र मोदी को भाजपा द्वारा पीएम कैंडिडेट बनाए जाने के बाद नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था। लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजद से अलग हो वे मोदी की एनडीए के साथ हो गए हैं।