पटना : मई की चिलचिलाती दुपहरी में पटना सदर और फतुहा प्रखंड की सीमा पर स्थित शुकुलपुरा गांव। यहां एक नारा काफी जोर पकड़ गया है।…मोदी यादव जिंदाबाद…मोदी यादव की पुकार, बच्चा—बच्चा चौकीदार! शुकुलपुरा ही नहीं, पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत जल्ला और अन्य अनेक यादव बहुल गांवों में यह नारा बुलंद हो रहा है। इस नारे ने कई राजनीतिक मायने, कई यथार्थ सामने रख दिये। आइए जानते हैं कि जनता का मूड क्या संकेत दे रहा है।
मोदी यादव ने उड़ाई ‘एमवाई’ की नींद
‘मोदी यादव’ नारे ने जातीय गुणा—गणित में जकड़े इस पिछड़े राज्य में एक नए दृष्टिकोण के जन्म लेने का संकेत दे दिया है। यही कारण है कि पांच चरणों के खात्मे के बाद, अचानक महागठबंधन के सभी नेताओं ने एक सुर से जातिगत उभार को मरणासन्न होने से बचाने की कवायद शुरू कर दी है। अभी भी चुनाव के दो अहम चरण बाकी बचे हैं। ऐसे में हीट वेब के समानांतर, राज्य में चल रहे मोदी लहर का सामना करने में वे अपने को असमर्थ पा रहे हैं। जल्ला क्षेत्र के स्थानीय निवासी संजीव यादव ने कहा कि हमें आज तक सिर्फ जाति के नाम पर इस्तेमाल किया गया। हम आज भी वहीं हैं, जहां वर्षों पहले थे। अब हमें भी विकास चाहिए। हमें भी एक मजबूत राष्ट्र चाहिए जहां सभी के साथ न्याय के साथ हमारा भी विकास हो। हमें भी वही सारी सुविधाएं मिलें, जो देश के बाकी राज्यों के लोगों को मिलती हैं। न कि कुछ परिवारों तक सत्ता और शासन के लाभ सीमित हो जाएं।
आरक्षण पर भ्रम फैलाने की मजबूरी
उधर बिहार समेत समूचे देश में मोदी आंधी ने ऐसा जोर पकड़ा कि महागठबंधन फिर घूम फिरकर आरक्षण के मुद्दे पर आ टिकने को मजबूर हो गया। तेजस्वी, जीतनराम मांझी समेत तमाम महागठबंधन के नेता एक सुर में आगामी एनडीए सरकार द्वारा पिछड़ों के लिए आरक्षण को खत्म कर देने की आशंका व्यक्त करते हुए जनता में भ्रम फैलाने में जुट गए। तेजस्वी ने तो इसमें यादवों के साथ कोइरी और कुर्मी को भी शामिल कर लिया। इसकी काट मुख्यमंत्री नीतीश ने की और कहा कि जो काम नहीं करते, वे जनता को गुमराह करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी खुलेआम कहा है कि देश में आरक्षण को कोई भी माई का लाल खत्म नहीं कर सकता। फिर इसे खत्म कौन करेगा? तेजस्वी अपने माता—पिता के दौर को वापस लाना चाहते हैं, ताकि उनका शॉपिंग मॉल फिर खड़ा हो सके। प्रधानमंत्री मोदी ने तो इनकी पोल खोलते हुए यह भी कह दिया कि महागठबंधन वालों का बस एक ही काम रह गया है—’जाति—जाति जपना, जनता का माल हड़पना’।
विकास और राष्ट्रवाद बना प्रमुख मुद्दा
साफ है कि समूचे देश समेत बिहार में भी महागठबंधन मोदी वेब से डरा हुआ है। उधर भाजपा समेत एनडीए देश—प्रदेश की जनता को विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दे से जोड़ने में कामयाब होती दिख रही है। शुकुलपुरा और जल्ला क्षेत्र में, खासकर यादव बहुल इलाकों में उठ रहा नया नारा—’मोदी यादव’ तो यही संकेत देता है कि बिहार में राजद समेत महागठबंधन की ताकत रहे ‘यादव’ वोटर ने अपने नये चौकीदार की ओर रुख कर लिया है। यह महागठबंधन, खासकर राजद के लिए खतरे की घंटी है।