पटना : केंद्रीय गृहमंत्री व भाारतीय जनता पार्टी संकल्पपत्र समिति के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शनिवार को पटना के बुद्धिजीवियों के बीच कहा कि भाजपा भारत की राजनीति के खोये हुए अर्थ को पुनर्स्थापित करने के अभियान में लग गयी है। वे भारत के मन की बात नरेंद्र मोदी के साथ कार्यक्रम के तहत समाज के विविध क्षेत्र में सक्रिय बुद्धिशील जनों से सचिवालय के पास स्थित अधिवेशन भन में रूबरू थे।
उन्होंने कहा कि भारत में आजादी से बहुत पूर्व भी राजनीति होती थी। आजादी के बाद भी राजनीति हो रही है। प्राचीन काल में भगवान राम ने भी राजनीति की थी। उनकी राजनीति भक्ति की राजनीति थी। वे माता सबरी के घर गए और जूठे बेर खाकर राजनीति को एक अर्थ प्रदान किया था। इसके बाद श्रीकृष्ण ने राजनीति की। उनकी राजनीति युक्ति की राजनीति थी। महाभारत युद्ध में उन्होंने धर्म की विजय के लिए युधिष्ठिर को अर्ध्यसत्य बोलने को कहा। जब भारत गुलाम हुआ, तब सुभाष चंद्र बोस ने यहां के युवाओं का आह्वान किया कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा। यह शक्ति की राजनीति थी। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे युवाओं ने भी राजनीति की। उनकी राजनीति मुक्ति की राजनीति थी। आजादी के बाद भी भारत में राजनीति होती रही, वह संपति की राजनीति थी। संपति की राजनीति और नीचे गिरते हुए विपति की राजनीति हो गयी। विपति की राजनीति में समाज को जाति, संप्रदाय में बांटना, विश्वासघात और फरेब को सत्ता के लिए अस्त्र बनाना, लोगों की आंखों में धूल झोकना, झूठी बात का प्रचार कर समाज में भ्रम पैदा करने जैसी बातें शामिल की गयीं। ऐसी राजनीति से देश ओर समाज में विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। समाज में राजनीति करने वालों की बात पर लोग भरोसा नहीं करते हैं। भाजपा का प्रयास है कि राजनीति का यह अर्थ बदला जाए। इसके लिए देश के सभी वर्ग के लोगों का सुझाव आवश्यक है। चुनाव के समय राजनीतिक दल अपनी घोषणपत्र जारी करते हैं। लेकिन, भाजपा संकल्पपत्र जारी करेगी। इस संकल्पपत्र में भारत के जन-जन के ऐसे संकल्प होंगे जिससे सिद्धि की प्राप्ति होगी।
बीच में राजनाथ सिंह ने भोजपुरी में अपनी बात कहनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि बिहार आने के बाद मै आनंद का अनुभव करता हूं। उन्होंने कहा कि बिहार भारत की सांस्कृतिक, राजनीतिेक और आर्थिक आइना है। समारोह में उपस्थित राज्यसभा सदस्य और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि अब तक राजनीति में संवाद एकतरफा होता था। भारत के मन की बात मोदी के साथ कार्यक्रम के माध्यम से हम जनता की बात से भी अवगत होंगे। यह लोकतंत्र के निर्णय प्रक्रिया में गांव-गांव के लोगों को शामिल करने का अद्भुत प्रयास है। कार्यक्रम के संयोजक नीतीश मिश्रा ने इस अभियान के विविध पक्षों से परिचय कराया। वही पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव एवं कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने भी इस कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित कुछ बुद्धिजीवियों ने मौखिक रूप से अपने सुझाव दर्ज कराए। वहीं अधिकांश लोगों ने लिखकर अपने सुझाव दिए।