पटना के जलजमाव और कोसी की भीड़ का कॉकटेल! पप्पू की क्या है मंशा?

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पटना :जनअधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने राजधानी के राजेंद्र नगर स्थित शाखा मैदान में आज रविवार को राजभवन मार्च से पहले एक रैली की। सभा पटना के विभिन्न इलाकों में हुए जलजमाव को लेकर सरकार पर हमला बोलने के लिए बुलाई गई थी। लेकिन वहां जो भीड़ उन्होंने बसों और छोटी गाड़ियों से जुटाई, उसमें मधुबनी, सहरसा और मधेपुरा के लोगों की बहुतायत रही। बसें भी, लौकहा, सौर बाजारा, मधेपुरा, सहरसा से लाई गईं थी। ऐसे में पटना के जलजमाव से सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी के लोगों को क्या मतलब। आखिर पप्पू यादव की शाखा मैदान में कोसी इलाके के लोगों की भीड़ जुटाकर रैली करने के पीछे क्या मंशा है? जानते हैं कि क्या करने की कोशिश कर रहे हैं जाप नेता।

पप्पू की राजनीतिक जमीन तलाशने की मजबूरी

पप्पू यादव और उनकी कांग्रेसी पत्नी रंजीता रंजन, दोनों चुनाव हार चुके हैं। अभी पति—पत्नी का यह जोड़ा कहीं भी और किसी भी सदन का सदस्य नहीं है। पप्पू यादव को सहरसा—मधेपुरा में अपनी राजनीतिक जमीन छिनती जान पड़ रही है। ऐसे में वे राजनीतिक सक्रियता दिखाकर अपने पॉलिटिकल डेथ को टालना चाह रहे हैं। पटना में हाल में हुए जलजमाव में उन्हें वह गुंजाश दिख गई जिसमें वे लोकल हल्के—फुल्के मीडिया को मैनेज कर अच्छा कवरेज प्राप्त कर सकते थे। बस वे पीछे—पीछे कैमरा वालों को लेकर पटना के पानी में उतर गए।

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राजेंद्र नगर के शाखा मैदान में कोसी की भीड़़

राहत और बचाव के नाम पर उन्होंने खूब तस्वीरें खिंचवाईं। उनपर लोकल खबरें भी चलीं। पानी उतरने के बाद भी वे मेडिकल कैंप के नाम पर आयरल सीरप बांटते दिखे। जब सब ठंडा हो गया तो अब राजनीति की फसल काटने का समय आ गया। लेकिन यहां, पटना में तो उनका कोई जनाधार नहीं। सो उन्होंने भीड़ कोसी इलाके से जुटा ली। इसके बाद राजभवन मार्च की घोषणा के बहाने उन्होंने पटना के जलजमाव और कोसी की भीड़ का ऐसा ‘कॉकटेल’ पकाया, कि राजधानी वासी चकित हो गए।

जलजमाव वाले राजेंद्र नगर में रैली के बाद टनों कचरा

पप्पू यादव के इस ताजा ‘कॉकटेल के निशान’ जलजमाव वाले इलाके में अब भी मौजूद हैं। उनके द्वारा जुटाई गई भीड़, राजभवन मार्च करने जब निकल गई, तब लोगों ने शाखा मैदान और आसपास का नजारा देख सिर पीट लिया। जिस कचड़े के चलते राजधानी की नालियां जाम हुईं और पटना के लोगों को जलजमाव की त्रासदी झेलनी पड़ी, पप्पू यादव की इस रैली के बाद वहां टनों कचरा फैला हुआ था। पप्पू ने रैली में लोगों के लिए खाने की भी व्यवस्था की थी। रैली के बाद सारा शाखा मैदान जूठे पत्तलों और पानी के खाली बोतलों और अन्य कचरे से अटा पड़ा था।

यादवों का नेता बनने की जुगत तलाश रहे जाप नेता

दरअसल पप्पू यादव न तो राजधानी पटना में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं, और न वे यहां से चुनाव लड़ना चाह रहे। उनकी असल मंशा राजनीतिक सक्रियता के लिए मीडिया कवरेज पाते रहना है, ताकि उनकी पॉलिटिकल जमीन बची रहे। वहीं, राजद सुप्रीमो लालू यादव के जेल में रहने और उनके पुत्र तेजस्वी के ज्यादा डिलिवर न कर पाने को पप्पू एक मौके के तौर पर देख रहे हैं। वे चाहते हैं कि राजनीतिक सक्रियता दिखाकर वे राज्य के बड़े वोटबैंक यादव वोटरों के बीच अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर सकें। बहरहाल, बिहार की जनता कोरी राजनीति और दिखावे की राजनीति के फर्क को बखूबी समझती है। अब देखना है कि आने वाले दिनों में पप्पू यादव अपने इस पॉलिटिकल ‘कॉकटेल’ वाले मिशन में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

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