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जरूरतमंद मरीजों को रेमडेसिवीर उपलब्ध कराएगा पटना एम्स: अश्विनी चौबे

पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के विशेष पहल पर मंत्रालय ने पटना एम्स में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के लिए डॉक्टरों के परामर्श पर जरूरतमंदों को रेमडेसिवीर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मौजूदा समय में एम्स दिल्ली में यह व्यवस्था है। चौबे के विशेष पहल पर पटना सहित देश के अन्य एम्स में भी जहां कोविड-19 संक्रमित का इलाज हो रहा है। डॉक्टरों के परामर्श पर जरूरतमंदों को यह उपलब्ध कराया जाएगा।

इस संबंध में चौबे ने दिल्ली में अधिकारियों के साथ आज बैठक की। हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पटना एम्स निदेशक के साथ बैठक में भी इस पर चर्चा की गई थी। चौबे ने बताया कि रेमडेसिवीर के लिए एम्स पटना को निर्देशित किया गया है। एम्स पटना रेमडेसिवीर स्टॉक रखेगा। डॉक्टरों के परामर्श पर जरूरतमंदों को निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी व्यवस्था हो जाने से जरूरतमंदों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

उन्होनें कहा कि रेमडेसिवीर के लिए मरीजों को काफी भागदौड़ करना पड़ता था। इससे परेशानी काफी हद तक कम हो जाएगी। विशेष आवश्यकता होने पर ही डॉक्टरों के परामर्श के बाद ही यह उपलब्ध कराया जाएगा। चौबे ने वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी हासिल की। वे प्लाज्मा डोनेशन के लिए किए जा रहे कार्यों से भी अवगत हुए।

टेलीमेडिसिन में बिहार बनेगा रोल मॉडल

चौबे ने रविवार को टेलीमेडिसिन ई संजीवनी सेवा की राज्यों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि आने वाले समय में बिहार टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में रोल मॉडल बने। इसके लिए हर संभव मदद बिहार सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी। टेलीमेडिसिन आज एक वास्तविकता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक ऐसा क्षितिज है जिससे हम त्वरित गति से दूरदराज के इलाकों में बेहतर चिकित्सीय परामर्श को पहुंचा पा रहे हैं।

अश्विनी चौबे ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण काल में इसकी उपयोगिता और अधिक बढ़ गई है। उन्होंने बक्सर सदर अस्पताल का जिक्र करते हुए कहा कि 2 साल पहले पटना एम्स से इस अस्पताल को टेलीमेडिसिन के लिए जोड़ा गया था। देश का यह पहला सदर अस्पताल है। जिसे टेलीमेडिसिन के माध्यम से एम्स जैसे संस्थान से जोड़ा गया। इसका सकारात्मक परिणाम कोविड-19 के संक्रमण काल में देखने को मिल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री चौबे ने कहा कि चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार कार्यक्रम के तहत टेलीमेडिसिन को बिहार में भी बढ़ावा दिया जाएगा।

वर्ष 2010 में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में चौबे ने इसे गति प्रदान करने का काम किया था। उन्होंने बताया कि बक्सर, भागलपुर और वाराणसी में प्रयोग के तौर पर मोबाइल बाइक-लबाइक बेस्ड डिजिटल ई- हेल्थ रेकॉर्ड एवं निःशुल्क डाइग्नोस्टिक जाँच की भी सुविधा शुरू हो रही है। साथ ही ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा एवं दवा सुविधा भी जन-जन तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित है। यह आईसीएमआर से दिशा निर्देशित है। आने वाले समय में चिकित्सा चिकित्सक आपके द्वार कांसेप्ट के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। समीक्षा बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने की।