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‘पर्यावरण पुरस्कार’ से सम्मानित हुए प्रो. एस.पी. शाही

पटना। पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित किया। इसमें एएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एस.पी. शाही को ‘पर्यावरण पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
पुरस्कार मिलने के बाद प्राचार्य ने कहा कि पेड़-पौधे व नदियों के बगैर हम पृथ्वी पर जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकते हैं। हमारे अस्तित्व की यही पहचान है और स्वस्थ्य परिवेश की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इन बदलती परिस्थितियों में आज पर्यावरण प्रबन्धन की योजना को मूर्त रूप देने में कॉलेज भी पीछे नहीं रह गए हैं। आज पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता एवं जागरूकता अभियान के क्रियान्वन के क्रम में A.N. College, पटना ने अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर ली है। पूरे बिहार राज्य में A.N. College, पटना अपने परिसर की ग्रीन ऑडिट (पर्यावरणीय सम्परीक्षा) कराने वाला पहला व एकमात्र कॉलेज बन गया है। ग्रीन ऑडिट रिपोर्ट से उपलब्ध आंकडों व एकत्रित तथ्यों के आधार पर कॉलेज ने अपनी शक्तियों व कमियों का पूर्ण विशलेषण भी किया। भविष्य में पर्यावरण संरक्षण एवं संतुलन के लिए उचित मापदंडों व नीतियों का निर्धारण करने की दिशा में पहल करते हुए और ग्रीन ऑडिट के पश्चात् सुझावों के आधार पर कॉलेज ने संसाधन मानचित्रण की रूपरेखा भी तैयार की। इस दिशा में सर्वप्रथम कदम उठाते हुए उर्जा संरक्षण के अन्तर्गत कॉलेज परिसर में शाम और रात को सौर उर्जा चालित विद्युत् बल्बों के इस्तेमाल पर बल दिया।

इतना ही नहीं कॉलेज पिछले कई वर्षो से लगातार, अनेक अवसरों पर पर्यावरण जागरूकता अभियान व मुहिम में अपनी उपस्थिति दर्ज कर सामाजिक भागीदारी निभाने में भी महती भूमिका निभाई है . “पक्षी बचाओं देश बचाओं”, “पृथ्वी दिवस”, ” बिहार दिवस “, विश्व जल दिवस एवं “विश्व पर्यावरण दिवस” आदि ऐसे अभियान है जिसमे कॉलेज के छात्र -छात्राओं व NSS कैडेटो ने समाज एवं देश के प्रति अपनी जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका को परिभाषित किया है।

प्रो. शाही ने बताया कि कैंपस में चारों ओर हरियाली व ऑक्सीजन जोन बनाने में भी कॉलेज हमेश अग्रसर रहा है. “हर परिसर, हरा परिसर’ की योजना पर भी अमल करते हुए गणमानय व्यक्तियों द्वारा अनेकों हरे भरे पेड़ कॉलेज कैंपस में लगाए गए हैं. इस वर्ष की वर्षा ऋतु में वन प्रमंडल पदाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर इस योजना को सफल बनाने का निर्णय लिया गया है. पॉलिथिन और प्रदूषण मुक्त परिसर एवं स्वच्छ परिसर अभियान भी शुरू किया है।