पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वायु प्रदूषण व ग्लोबल वार्मिंग से मुकाबला व स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी कौंसिल ने कांग्रेस शासित कई राज्यों के विरोध के बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों व उसके चार्जर पर कर की दर क्रमशः 12 और 18 से घटा कर 5 प्रतिशत कर दिया है। बिहार में पहले ही रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने राज्य में सबसे पहले इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर आम लोगों को इससे अपनाने का संदेश दिया है। वहीं राज्य सरकार छह और नए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद की स्वीकृति के साथ ही मुख्यमंत्री ग्राम्य परिवहन योजना के तहत भी इससे प्रोत्साहित करने जा रही है।
श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी कौंसिल में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर पहले 18 से घटा कर 12 प्रतिशत टैक्स करने का प्रस्ताव था, मगर बिहार की पहल पर चार्जर पर भी 5 प्रतिशत कर लगाने का निर्णय लिया गया। पंजाब सहित कुछेक राज्यों का तर्क था इलेक्ट्रिक वाहनों केे प्रोत्साहन से डीजल-पेट्रोल की बिक्री प्रभावित होगी जिससे उनका राजस्व कम होगा। बिहार का तर्क था कि ग्लोबल वार्मिंग, वायु प्रदूषण आदि के मुकाबले में होने वाला खर्च राजस्व के नुकसान से कहीं बहुत ज्यादा होगा। एक आकलन के अनुसार 01 अगस्त से इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू होने वाले टैक्स से पूरे देश को मात्र 70 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा।
भारत सरकार ने बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के कर्ज पर डेढ़ लाख तक के ब्याज को आयकर से छूट देने तथा पार्ट-पूर्जे को आयात शुल्क से मुक्त रखने की घोषण कर चुकी है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार करोड़ की योजना की शुरूआत भी की है। 2018-19 में पूरे देश में 7.59 लाख दोपहिया, 6.30 लाख तिपहिया और मात्र 3600 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद हुई है।