पर्यावरण के लिए बिहार की चेतना देख चौंक गई दुनिया, टूटे सारे रिकार्ड
पटना : जल, जीवन और हरियाली के लिए समूचे बिहार ने आज दुनिया को गजब का संदेश दिया। रविवार को दिन में 11:30 बजे से 12:00 बजे तक सूबे के लोग हाथ में हाथ डाले खड़े रहे। नदियां और शहरों की सीमाएं भी पर्यावरण के प्रति इस अदभूत घटना में टूट गईं और 16443 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला साकार हुई। यह विश्व में बनने वाली सबसे लंबी मानव श्रृंखला का नया रिकार्ड है।
मानव श्रृंखला से मिट गया सीमाओं का फर्क
पर्यावरण के साथ ही दहेज प्रथा, दारूबंदी आदि जैसे जनसरोकार वाले मुद्दों को लेकर आज बिहार की चेतना जगाने के लिए सुबह से ही बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में जबरदस्त उत्साह दिखा। पटना, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, गया, भागलपुर, आरा, छपरा जैसे तमाम शहरों से लेकर गांव-गांव तक लोग सड़क पर खड़े होकर मानव श्रृंखला का हिस्सा बने।
नदियों पर नावों की मानव श्रृंखला
मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में हुआ जहां सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी मानव श्रृंखला में खड़े हुए। 15 हेलिकॉप्टरों पर सवार फोटोग्राफरों व वीडियोग्राफरों ने आसमान से मानव श्रृंखला को अपने कैमरे में कैद किया। गांव से लेकर शहर तक हर एक किलोमीटर पर एक वीडियोग्राफर को तैनात किया गया था। विभिन्न जिलों में नदियों में भी लोगों ने नावों की लड़ी लगाकर एक दूसरे का हाथ थाम मानव श्रृंखला को इस पार से उस पार तक बरकरार रखा। ऐसा ही एक नजारा मुजफ्फरपुर के बोचहा में दरघा घाट पर भी देखने को मिला।
पर्यावरण के लिए दिखी बिहार चेतना : नीतीश
मानव श्रृंखला के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पर्यावरण के प्रति पूरी दुनिया को बिहार की चेतना की झलक मिली है। लोगों ने एकजुट होकर अपनी चिंताओं और जिम्मेदारियों को प्रकट किया। पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति में लोगों का यह सपोर्ट हामारी आनेवाली पीढ़ी को भयंकर नुकसान से बचायेगी। साथ ही बाढ़ और सुखाड़ जैसी विपदाओं से लड़ने में भी हम कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि जल और हरियाली के बीच जीवन है। जल और हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है। यह अभियान हम निरंतर चलाएंगे।