परिषद् चुनाव के बाद में यह है दलीय स्थिति, अभी भी JDU सबसे बड़ी पार्टी
पटना : स्थानीय निकाय कोटे से हुए बिहार विधान परिषद् की चुनाव परिणाम आने के बाद बिहार विधान परिषद में दलीय स्थिति बदल गई है। 24 सीटों पर हुए इस चुनाव में सबसे ज्यादा 7 सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती है। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ रही राष्ट्रीय जनता दल ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि बिहार की गद्दी पर बैठी जनता दल यूनाइटेड के पाले में 5 सीटें आई हैं। वहीं निर्दलीयों ने 4 सीटों पर कब्जा जमाया है। जबकि पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा और कांग्रेस को एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई है।
24 सीटों में से 13 सीटों पर NDA की जीत
वहीं, बात करें एनडीए गठबंधन की इन 24 सीटों में से 13 सीटों पर जीत हासिल की है। लेकिन इस चुनाव में सबसे अधिक गौर करने वाली बात यह रही की इस चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार विधान परिषद् तेजस्वी यादव एक बार फिर से सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभरे हैं। इस बात का प्रमाण यह है कि इस चुनाव में जहां भाजपा को 5 सीटों का नुकसान हुआ है, तो वहीं इसके विपरीत राजद को 2 सीटों का फायदा हुआ है।
यह है दलीय स्थिति
दूसरी तरफ, इन चुनाव नतीजों के साथ बिहार विधान परिषद में दलीय स्थिति बदल गई है। 75 सदस्यों वाली बिहार विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी यानि भाजपा के 22 तो जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू के 28 सदस्य हैं। जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) के 11 सदस्य हैं। वहीं,कांग्रेस पार्टी के चार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दो, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी(पारस) के एक, और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एक, जबकि मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी के एक सदस्य खुद सहनी ही हैं, हालांकि जुलाई के महीने का समय खत्म हो जाएगा। जिसके बाद इनके विधान परिषद् वापस आने की संभावना न के बराबर हैं। इसके अलावा बिहार विधान परिषद् में निर्दलीय सदस्यों की संख्या 5 हो गई है।
गौरतलब है कि, इस चुनाव के नतीजे आने से पूर्व राजद के विधान परिषद में कुल 5 सदस्य थे। हालांकि विधानसभा चुनाव के पहले राजद के कई एमएलसी पाला बदलकर जेडीयू में चले गए थे। इसके साथ ही मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी राजद से छिन गया था। सदन में विरोधी दल के नेता की कुर्सी भीराजद के पास नहीं थी लेकिन अब 11 सदस्यों के साथ यह दर्जा फिर राजद के पास आ गई है।