पार्टी में फूट के लिए पारस व JDU जिम्मेदार, अगर राम को हनुमान की जरूरत तो हनुमान…
पटना : लोक जनशक्ति पार्टी में उठी उथल पुथल को लेकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार और जदयू पर भी हमला बोला है।
पारस ने नहीं की बात
चिराग पासवान पार्टी में मची घमसान के बीच दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते उनकी यह जिम्मेदारी थी कि वह कभी न कभी कोई सख्त कदम उठाएं। इसको लेकर उन्होंने कल अपने 5 सांसदों को पार्टी से निलंबित कर दिया। हालांकि चिराग पासवान ने कहा कि इससे पहले उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से बातचीत करने की कोशिश की। चिराग ने कहा कि उनकी मां रीना पासवान ने भी पारस चाचा से बात करने का प्रयास किया। लेकिन पशुपति पारस ने उन लोगों से बातचीत नहीं की।
अध्यक्ष बनना था तो चिराग से कहते चिराग
चिराग पासवान ने कहा कि जिस वक्त उन्हें मालूम पड़ा कि पशुपति पारस ने संसदीय दल का नेता चुने जाने का दावा पेश करते हुए लोकसभा अध्यक्ष को पत्र सौंपा है। उस वक्त भी उन्होंने पारस से बातचीत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यदि पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना था तो वह यह बात चिराग से कह सकते हैं चिराग इसके लिए भी मना नहीं करते।
चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग भी उनके अध्यक्ष होने पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि लोक जनशक्ति पार्टी का संविधान क्या कहता है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक और संविधान की समझ रखने वाले एके बाजपेई जैसे कानूनी जानकार ने तैयार किया। पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगा दे। तब तक कोई दूसरा राष्ट्रीय अध्यक्ष होने दावा कैसे कर सकता है।
पार्टी का संविधान
पार्टी का संविधान जो कहता है, उसके मुताबिक संसदीय दल के नेता का चयन नहीं किया गया है. चिराग पासवान ने कहा कि मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं और शेर की तरह आगे भी लड़ाई लड़ता रहूंगा। ना मैंने विधानसभा चुनाव के समय नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक होने का फैसला किया और ना ही आगे करूंगा।
जदयू के बड़े नेता का हाथ
इसके अलावा उन्होंने जदयू पर हमला करते हुए कहा कि यह जो सब कुछ हुआ है उसके पीछे जदयू का बहुत बड़ा हाथ है उन्होंने कहा कि इस सारे प्रकरण के लिए जदयू के एक बड़े नेता पिछले कई दिनों से लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें को नीतीश कुमार से व्यक्तिगत कोई दुश्मनी नहीं है बल्कि वह उनके नीतियों के खिलाफ हैं। इसके अलावा चिराग में भाजपा और नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि जब हनुमान को भी राम की जरूरत पड़ जाए तो फिर हनुमान होने से क्या फायदा।