पारा 44 पार : जानें, हीट स्ट्रोक के लक्षण और बचाव के उपाय

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नवादा : समूचा बिहार जबर्दस्त हीट वेब की चपेट में है। नवादा समेत समूचे बिहार में पारा 43—44 डिग्री के आसपास बना हुआ है। ऐसे में हीट स्ट्रोक की वजह से बीमार होकर अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या भी बढ़ गयी है। यह जानलेवा भी हो सकता है। अति गर्मी से अचानक चेतना शून्य होना और शरीर का डिहाइड्रेट हो जाना या ऐसे लक्षण शरीर में प्रकट होना हीट स्ट्रोक कहलाता है।

हीट स्ट्रोक से पहले आने वाले लक्षण

जरूरत से अधिक पसीना आना, ब्लड प्रेशर में कमी होना, मांशपेशियों में ऐंठन होना, डिहाइड्रेशन के साथ मितली, चक्कर आना, कमजोरी और सुस्ती आदि हीट स्ट्रोक आने से पूर्व के कुछ लक्षण हैं। त्वचा गर्म और शुष्क हो जाती है, दिल की धड़कन और सांसें तेज या कम हो जाती हैं। यदि आप पर अचानक बेहोशी छाने लगे और फिर आप बेहोश हो जाएं तो समझिए आपको हीट स्ट्रोक आया है। अधिकतर हीट स्ट्रोक उस समय होते हैं, जब कोई शख्स बिना तरल पदार्थ लिए बहुत गर्म और आर्द्र मौसम में देर तक काम करता है या तेज धूप में अधिक समय तक काम करता है।
नवादा के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ महेश कुमार के अनुसार शिशुओं, छोटे बच्चों या बुजुर्गों, मधुमेह, मानसिक बीमारी, ब्लड प्रेशर की दवा खाने वाले, बहुत अधिक शराब पीने वाले या मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को खतरा अधिक होने के चांस होते हैं। इसलिए इन्हें अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।

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हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय

जब कोई व्यक्ति हीट स्ट्रोक का शिकार हो जाये तो उस व्यक्ति को स्नान कराएं या गीली बेडशीट में लपेटें। पीड़ित सचेत हो जाए तो उसे हाइड्रेटेड करना चाहिए और पानी पिलाना चाहिए।
हीट स्ट्रोक की अवस्था में खून गाढ़ा हो जाता है। ऐसे में पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर तरल चीजें दें। मरीज को तुरंत अस्पताल ले कर जाएं। लेकिन इस हाल में एनर्जी या शुगर वाले पेय पदार्थ न दें। शुगर का कम इस्तेमाल करें। धूप में निकलने से बचें। इस दौरान खूब पानी पीएं। ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनकर बाहर निकलें।

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