पप्पू के चक्कर में बुरे फंसे चिराग, कांग्रेस के डिच से NDA में भी मुश्किल

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पटना : पप्पू यादव की चिराग पासवान को साथ लेकर दलितों के कंधे पर सियासत आगे बढ़ाने की मुहिम को कांग्रेस ने एक सिरे से नकार दिया है। दरअसल पिछले दिनों पप्पू और चिराग ने गुपचुप बैठक की थी। इसके बाद अब दोनों कांग्रेस से उनके साथ आकर बिहार में तीसरे मोर्चे को मूर्त्त करने की छटपटाहट में जुट गए। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने साफ कर दिया कि बिहार में तीसरे मोर्चे की कोई आवश्यकता नहीं हैं। ऐसे में अब चिराग पासवान बुरे फंस गए। पप्पू यादव के चक्कर में उन्हें अब एनडीए का भरोसा गंवाने का डर सताने लगा है।

दरआसल, सारी खींचतान आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दलित वोटों को लामबंद करने की है। इस सिलसिले में पप्पू यादव और चिराग पासवान जहां गुपचुप संपर्क बनाए हुए हैं, वहीं एनडीए का घटक होने के बावजूद चिराग लगातार जदयू पर हमलावर हैं। उधर पप्पू यादव ने कांग्रेस पर डोरे डालने के लिए उसे नये फ्रंट में बड़े भाई की भूमिका तक आफर कर दी। लेकिन इन दोनों युवा नेताओं को तब निराशा हाथ लगी जब कांग्रेस ने स्पष्ट कह दिया कि वह राजद पर ही भरोसा करती है।

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इधर जदयू ने भी एनडीए में मांझी की इंट्री लगभग तय कर चिराग को बिना पतवार की नाव बनाने का फैसला कर लिया है। वहीं भाजपा ने अभी भी लोजपा और चिराग के लिए अपने दरवाजे खुले रखे हैं। हालांकि अब चिराग को एनडीए में ​सीट शेयरिंग के मुद्दे पर अपनी धार कुंद करनी पड़ेगी। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी एनडीए में जेडीयू-एलजेपी में खींचतान पर कहा कि एनडीए काफ़ी मज़बूत है। समय आएगा तब सीट शेयरिंग की भी चर्चा होगी और चुनाव के वक़्त हम तय करेंगे कि कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा।

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