पुरानी हो या नई पीढी़, लालू-राबड़ी के शासन के नाम से ही कांप उठती
पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार ने सामाजिक न्याय के नाम पर लोगों को झांसा देने का काम किया है। राजद की दूसरी पीढ़ी अब लोगों को बेरोजगारी और आर्थिक न्याय के नाम पर गलतबयानी कर छलने का प्रयास कर रही है, लेकिन राज्य की जनता ऐसे तिकड़मबाज सियासी परिवार के हर जुमले को समझती है।
उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो ने सामाजिक न्याय का चोला पहनकर न सिर्फ बिहारियों को ठग कर बिहार का बेड़ागर्क किया, बल्कि दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और एसटी को झूठे सपने दिखा कर डेढ़ दशक तक राज किया। यहां तक कि वे अपनी जाति के लोगों का भी शोषण करने से नहीं चूके। इसका खुलासा खुद उनके समधी और लंबे समय तक उनके साथ रहे जेडीयू नेता चंद्रिका राय ने कहा कि लालू प्रसाद ने सिर्फ और सिर्फ अपना और अपने परिवार का आर्थिक विकास किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विरासत संभाल रहे राजद सुप्रीमों के पुत्र और नेता प्रतिपक्ष इन दिनों अपने परिवार के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। विभिन्न मुद्दों पर नेता प्रतिपक्ष का सियासी विरोध सिर्फ दिखावा है। सच तो यह है कि विकास से लेकर लोगों के समेकित कल्याण के लिए न तो वे चिंतन करते हैं और न ही कोई सकारात्मक सुझाव देते हैं। चर्चा में बने रहने के लिए बेतूका और गलत आंकड़ों पर आधारित बयान देते हैं। कई मुद्दों को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सूबे में अपनी संभावनाएं टटोलने का कई बार प्रयास किया, लेकिन इनको निराशा ही हाथ लगी।
उनकी संविधान बचाओ यात्रा हो आरक्षण बचाओ यात्रा या फिर अन्य यात्राएं, अधूरी ही रहीं। अभी नेता प्रतिपक्ष बेरोजगारी को लेकर शिगूफा छोड़ रहे हैं, कुछ दिन पहले लोगों को सत्ता मिलने पर आर्थिक न्याय देने की बात कर रहे थे, लेकिन स्थिति यह है कि जो परिवार खुद दूसरों की हकमारी और शोषण करता रहा हो, उससे राज्य की जनता क्या उम्मीद कर सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष लोगों को लुभाने के लिए लाख जतन कर लें, लेकिन राज्य की जनता नोटिस लेने वाली नहीं है। लालू परिवार की एक-एक करतूतों से जहां पूर्व की पीढ़ी अवगत है, वहीं नई पीढ़ी को अतीत की बातें झकझोर देती है। पुरानी पीढ़ी हो या नई पीढी़, लालू-राबड़ी के शासन के नाम से ही कांप उठती है।
इसलिए राज्य के सभी वर्गों और तबके का भरोसा लालू परिवार से पूरी तरह से खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता जानती है कि राजद के पास न ही नीति है और न ही कुछ करने की नीयत। यही नहीं राजद में नेताओं और कार्यकर्ताओं का उचित सम्मान भी नहीं मिल रहा है। यहीं कारण है कि उनकी बिरादरी के कई माननीय और वरिष्ठ नेता एक-एक कर एनडीए पर भरोसा जता विकास की ओर हाथ बढ़ा रहे हैं।