बाल विवाह पर रोक के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को मिला निर्देश , तय होगी भागीदारी
पटना : बाल विवाह, दहेज प्रथा को लेकर बिहार सरकार काफी सतर्क है। इसको लेकर राज्य सरकार लगातार लगातार सकारात्मक माहौल तैयार करने में जुटी हुई है। नीतीश कुमार ने इसको लेकर पिछले दिनों एक राज्यव्यापी समाज सुधार अभियान प्रारंभ किया है। जिसके बाद अब ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति को महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों में सहभागी बनने का दायित्व सौंपा गया है। साथ ही साथ ग्राम पंचायत के प्रधान यानी मुखिया को बाल विवाह की सूचना प्राप्त कर अग्रसारित करने वाले माध्यमों के रूप में चिन्हित किया गया।
यह एक गंभीर सामाजिक बुराई
दरअसल, बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर सरकार काफी सख्त है यह एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जिसे दूर किए बिना सशक्त समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। प्रत्येक बच्चे को पूर्ण रूप में विकसित होने का अधिकार है जो बाल विवाह की वजह से नहीं हो पाता है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि कम उम्र में विवाह होने से बहुत सारे बच्चे अनपढ़ और अकुशल रह जाते हैं जिनसे उनके सामने अच्छे रोजगार पाने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की संभावना बेहद कम ही रह जाती है। इसलिए बाल विवाह को रोकने और दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर पंचायत एवं उनके प्रतिनिधियों को सरकार ने आवश्यक निर्देश दिए हैं।
बाल विवाह को रोकने और दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर निर्देश :-
(i) बाल विवाह से संबंधित मामला संज्ञान में आने पर मुखिया द्वारा इसकी त्वरित सूचना प्रखंड विकास पदाधिकारी (सहायक बाल विवाह निषेध पदाधिकारी) तथा अनुमंडल पदाधिकारी (बाल विवाह निषेध पदाधिकारी) को देते हुए बाल विवाह को रूकवाने का काम करेंगे।
(ii) दहेज लेन-देन से संबंधित मामला संज्ञान में आने पर जिला कल्याण पदाधिकारी (दहेज प्रतिषेध पदाधिकारी) को सूचित करते हुए कार्रवाई से अवगत करायेंगे।
(vi) ऐसे अवसर या कार्याधिकार क्षेत्र को कोई स्थान विशेष जहां बाल विवाह अधिष्ठापन की कोई परंपरा अथवा सूचना हो, तो मुखिया जिला पदाधिकारी/बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के सहयोग से निषेधाज्ञा लगवाने व अनुष्ठापन रोकने में सहयोग देंगे।
(vii) ग्राम पंचायत के किसी वार्ड में बाल विवाह का मामला प्रकाश में आने की स्थिति में संबंधित वार्ड सदस्य एवं मुखिया जिम्मेवार माने जायेंगे एवं अपने कत्र्तवयों का सम्यक निर्वहन नहीं करने के आरोप में मुखिया को पद से हटाने की कार्रवाई भी सरकार द्वारा की जा सकती है। सामाजिक मुद्दों पर मुखिया एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के स्तर पर की गई कार्रवाई/पहल को उनके समग्र कार्य मूल्यांकन में शामिल किया जायेगा एवं राज्य/जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर ऐसे प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जायेगा।