पंचायत चुनाव : नए साल की शुरुआत से पहले देना होगा चुनावी खर्च का ब्यौरा, अन्यथा…
पटना : बिहार में सभी 11 चरणों के पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं और उनके परिणाम भी सामने आ चुके हैं। वहीं, इस बार बिहार में हुए पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने दावा किया है कि बिहार पहला ऐसा राज्य बना है जिसने हाइटेक तरीके से साथ ही शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत चुनाव को संपन्न कराया है।
इस बीच सभी चरणों के चुनाव संपन्न हो जाने के बाद पंचायत चुनाव में शामिल सभी उम्मीदवारों को 1 जनवरी, 2022 के पहले चुनाव खर्च का ब्यौरा देने का निर्देश भी निर्वाचन आयोग ने जारी कर दिया है। चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिए जाने पर उन्हें अगले चुनाव में शामिल होने को लेकर प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।
कई उम्मीदवारों द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से हुआ चुनाव प्रचार
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा ने सभी जिलों के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) को निर्देश दिया कि पंचायतों एवं ग्राम कचहरी के आम निर्वाचन 2021 में उम्मीदवारों द्वारा चुनाव खर्च संबंधी विवरणी निर्वाची पदाधिकारी के यहां जमा करने की आम सूचना दी जाए। राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि पंचायत आम चुनाव, 2021 के अवसर पर कई उम्मीदवारों द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से अपना चुनाव प्रचार किया जा रहा था, इसको ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा निर्णय लिया गया है कि यदि किसी उम्मीदवार द्वारा प्रिंट मीडिया, समाचार पत्र के माध्यम से चुनाव प्रचार किया गया है तो उसे भी चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही, व्यय विवरणी में समाचार पत्र की कटिंग भी जोड़ी जाएगी।
जानकारी हो कि इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि बिहार देश का पहला राज्य बना है जहां पंचायत चुनाव ईवीएम से हुए जिसमें बायोमेट्रिक्स का भी इस्तेमाल करके बोगस वोटिंग रोकी गई, साथ ही OCR टेक्नोलॉजी के जरिए मतगणना डिजिटली कराई गई, जिससे काउंटिंग जल्दी हुई और लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई।