पालघर में संतों की हत्याएं मानवता पर कलंक, नहीं हो रही निष्पक्ष जांच : अर्जित शाश्वत चौबे
हत्याकांड की जांच सीबीआई या एनआईए को सौंपी जाए
पटना: राष्ट्रीय मंत्री भारत रक्षा मंच सह पूर्व प्रत्याशी भागलपुर विधानसभा अर्जित शाश्वत चौबे ने सपरिवार आज पालघर महाराष्ट्र में 2 संतो एवं उनके वाहन चालक की निर्मम हत्या के विरोध में मंच द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी “एक दिवसीय उपवास सह परिवार धरना” और महामहिम राष्ट्रपति महोदय को महामहिम राज्यपाल बिहार के द्वारा एक ज्ञापन ऑनलाइन सौंपा। उन्होंने तय कार्यक्रम अनुसार प्रातः 7 बजे से उपवास और धरना अपने निवास पर आयोजित किया जिसमे उनकी पत्नी विजेता एवं दोनों बच्चे अतिशय एवं अनवी चौबे ने भी भाग लिया। सम्पूर्ण राज्य और देश भर के कई जिलों के पदाधिकारी, सदस्य एवं आम जनमानस ने धरना और उपवास रखकर नृशंश हत्या का विरोध किया। साथ ही केस की जांच सीबीआई या एनआईए द्वारा करवाने हेतु उपवास किया। तीनो हुतात्माओं के लिए 3 दिए भी जलाए गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
अर्जित ने भारत रक्षा मंच के द्वारा निर्धारित ज्ञापन को महामहिम राज्यपाल और ज़िलाधिकारी पटना को ऑनलाइन भेजा और अपना प्रतिकार दर्ज किया। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि महाराष्ट्र प्रांत के गढ़चिंचले गांव पालघर के निकट दो श्रद्धेय हिंदू संतो महाराज कल्पवृक्ष गिरी जी एवं महाराज सुशील गिरिजी एवं उनके वाहन चालक निलेश तेलगड़े के ऊपर प्राणघातक हमला हुआ तथा उनकी निर्दयता से हत्या कर दी गई । भारत रक्षा मंच इसकी कड़ी निंदा करता है। जिस क्रूरता से उनकी हत्या की गई वह अमानवीय एवं क्रूरता की पराकाष्ठा है।
इस बर्बर हत्याकांड के कारण सारा हिंदू समाज एवं संत समाज उद्वेलित है। यह हत्याएं मानवता पर कलंक है। आज के युग में इस घटना को संपूर्ण देशवासियों ने दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा है। दिल दहला देने वाली इस घटना से चारों और आक्रोश है। महाराष्ट्र की सरकार एवं पुलिस विभाग की निष्क्रियता इस मामले को और संदेहास्पद बना रही है। पुलिस के अधिकारी तथा उपस्थित पुलिस बल आताताईयो के साथ खड़े हैं, ऐसा दिखाई देता है। इस कारण महाराष्ट्र सरकार की किसी भी पुलिस जांच पर देशवासियों का एवं संत समाज का विश्वास नहीं है।
आजादी के बाद कई वर्षों से सनातन एवं धार्मिक संगठनों के विरुद्ध तथाकथित सेकुलर वादी तथा सनातन हिन्दू विरोधी शक्तियों ने सुनियोजित तरीके से हिंदुत्व के विरोध में वातावरण बनाने का प्रयत्न किया है। भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों को गढ़ कर महान हिंदू धर्म एवं उदार हिंदू धर्म के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाकर उसे बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया है। पिछले 5 वर्षों में समय समय पर असहिष्णुता एवं मॉब लिंचिंग जैसे शब्दों को प्रचारित कर हिंदू धर्म पर मिथ्या आरोप लगाने के षडयंत्र लगातार किए जा रहे हैं। राजनीतिक ईर्ष्या से संपूर्ण हिंदू समाज को कटघरे में खड़ा करने का प्रयत्न किया जा रहा है। भगवा आतंक जैसे शब्दों को एक समाज विशेष को संतुष्ट करने के लिए गढ़ा गया है तथा हिंदू समाज एवं उसकी आस्था के प्रतीक साधु संतों को निरंतर बदनाम करने का और उन्हें प्रताड़ित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
भारत रक्षा मंच आपसे यह आग्रह व निवेदन करता है कि महाराष्ट्र की जिस पुलिस का संतो के हत्यारों को संरक्षण प्राप्त है वह निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। अतः इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को या एनआईए को सौंपी जाए।
दूसरी मांग यह है कि तत्काल हत्या में सम्मिलित सभी पुलिस अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किया जाए तथा जिन उच्च अधिकारियों के निर्देश से जो पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी उग्र भीड़ का संरक्षण कर रहे थे उनके विरुद्ध निष्पक्ष जांच कराई जाएं तथा दोषी पाए जाने पर कठोर दंड दिया जाये।
अर्जित ने बताया कि भारत रक्षा मंच तीसरी मांग यह करता है कि जिन राजनेताओं तथा समाज विरोधियों ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तुष्टीकरण को आधार बनाकर अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति करने के लिए भगवा आतंकवाद जैसे शब्द गढ़कर समाज में द्वेष उत्पन्न किया वह भी उतने ही दोषी हैं जितने कि बर्बर हत्यारे हैं। अतः ऐसे लोगों की खोज कर उन्हें भी अपराधी मानकर उनके विरुद्ध प्रकरण दायर किए जाएँ।
उन्होंने बताया कि भारत रक्षा मंच आपसे अनुरोध करता है कि दिवंगत संत कल्पवृक्ष गिरी जी तथा संत सुशील गिरी जी महाराज के आश्रम के उत्तराधिकारी को एवं कार चालक नीलेश के परिवार को एक-एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए।
उन्होंने बोला कि इस ज्ञापन के माध्यम से भारत रक्षा मंच ने यह मांग किया कि महाराष्ट्र सरकार तथा केंद्र सरकार के गृह विभाग को तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देश देने का कष्ट करें तथा इस हत्याकांड की जांच सीबीआई को या एनआईए को सौंपी जाए ताकि दिवंगत साधुओं को न्याय मिल सके।