पटना : किशनगंज में ओवैसी की पाटी की इंट्री ने जदयू और भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को एकमत होने पर मजबूर कर दिया है। क्योंकि दोनों—जदयू और गिरिराज सिंह, ने एकस्वर से बिहार में ओवैसी की इंट्री को खतरनाक बताया है। गिरिराज सिंह ने जहां इसे बिहार में सामाजिक समरसता के लिए खतरा बताया, वहीं जदयू इसे बिहार में धर्मनिरपेक्ष राजनीति के लिए अशुभ करार दिया।वहीं किशनगंज में जीत के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने तहे दिल से बिहार की जनता को शुक्रिया कहा है।
भाजपा नेता ने बिहार के लिए बताया खतरा
बिहार के उपचुनाव में सबसे ख़तरनाक परिणाम किशनगंज से उभर के आया है ..ओवैसी की पार्टी AIMIM जिन्ना की सोच वाले है ,यें वंदे मातरम से नफरत करते है ,इनसे बिहार की सामाजिक समरसता को खतरा हैं।
बिहार वासियों को अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) October 25, 2019
गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया कि बिहार के उपचुनाव में सबसे खतरनाक परिणाम किशनगंज से आया है। ओवैसी की पार्टी जिन्ना की सोच वाली है। वे वंदे मातरम से नफरत करते हैं। इनसे बिहार की सामाजिक समरसता को खतरा है। बिहारवासियों को अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।
जदयू ने ओवैसी की जीत को बताया अशुभ
दूसरी तरफ गिरिराज से खटपट रखने वाले जदयू नेताओं ने इस मुद्दे पर लगभग उन्हीं की लाइन ली है। जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने किशनगंज में ओवैसी की पार्टी की जीत पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘ओवैसी की पार्टी अतिवादी विचारों के लिए जानी जाती है। उसका जीतना धर्मनिरपेक्ष दलों की गलत राजनीति का नतीजा है और बिहार की धर्म निरपेक्ष राजनीति के लिए ये शुभ नहीं है।’
एआईएमआईएम ने दोनों गठबंधनों को किया ढेर
विदित हो कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन ने विधानसभा सीट पर शानदार जीत दर्ज की। खास बात ये रही कि इस सीट पर राजद-कांग्रेस एक साथ थे तो भाजपा—जदयू की संयुक्त ताकत थी। बावजूद अकेले एआईएमआईएम ने दोनों ही गठबंधनों को धराशाई कर दिया।