पटना : बिहार विधानमंडल सत्र में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा लगातार उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने जोरदार हमला बोला है। नीतीश कुमार ने तेजस्वी को प्रवासी करार दे दिया।
दरअसल, बिहार विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इसी दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर हुए वाद-विवाद पर सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के काल में बिहार सरकार द्वारा दुनिया के किसी भी देश की तुलना में बेहतर काम किया गया है। यहां सबसे अधिक कोरोना की जांच हुई है। वहीं जब नीतीश कुमार यह बात बोल रहे थे तो इस मसले पर सवाल उठाया गया तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पहले मेरी बात सुन लीजिए अगर मानना होगा तो मानिएगा नहीं मानना होगा तो नहीं मानियेगा।
मोबाइल नहीं होता इसीलिए 0000
वहीं उन्होंने कोरोना घोटाला मामला में हुई गड़बड़ को लेकर कहा कि मोबाइल नंबर 0000…. आ गया तो गड़बड़ है? सबके पास मोबाइल नहीं होता इसीलिए 0000… दिया गया। जहां गड़बड़ी हुई वहां पर कार्रवाई भी हुई है। कहिए तो बता देते हैं।
वहीं नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को भी सलाह देते हुए कहा कि जब हम बोल रहे हैं तो बोलने दीजिए हमारी बात सुन लीजिए बीच में नहीं टोकिये, जब आप बोल रहे थे तो क्या हम आपको टोके थे? इसके साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि आपको जिस भी चीज की जानकारी चाहिए उसके लिए पहले बिहार में रहना होगा तभी आपको जानकारी मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हमहीं सभी दिन काम करेंगे? लेकिन कोरोना जांच की रिपोर्ट हम हर दिन देखते हैं।
मालूम हो कि इससे पहले तेजस्वी यादव लगातार कोरोना घोटाले मामले और मैट्रिक परीक्षा के क्वेश्चन लिक मामले में लगातार तीन दिनों से सरकार को घेर रहे हैं।