चिरांद में ऐतिहासिक गंगा आरती का आयोजन,रामायण सर्किट से जोड़ने का प्रयास

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छपरा : बिहार के छपरा में भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया। ज्येष्ट पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित यह महाआरती गंगा सोन और सरयू के संगम डोरीगंज चिरांद में बंगाली बाबा घाट पर हुआ। इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे,भाजपा राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, बिहार सरकार के मंत्री आलोक रंजन झा, सारण जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश रामलाल शर्मा,लक्ष्मणकिलाधीश अयोध्या के महंत मैथिली रमन शरण जी एवं महंत श्रीकृष्णगिरी उपाख्या नागा बाबा भी उपस्थित थे। इस समारोह की अध्यक्षता गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र प्रताप सिंह उपाख्य लल्लू बाबू ने की।

इस महागंगा आरती के आयोजन का उद्घाटन करते हुए  केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि कि यह एक पवित्र स्थान है। भारत के तीन नदियों के प्रत्यक्ष संगम के कारण यह क्षेत्र परम तीर्थ है जिसका जिक्र रामायण, रामचरित मानस व कई पुराणों में मिलता है। ऋषि श्रृंगी की तपस्थली होने के कारण यह क्षेत्र राम के आविर्भाव से भी जुड़ा है इसी लिए सिद्धाश्रम बक्सर जाने के क्रम में श्रीराम व लक्ष्मण अपने गुरू विश्वामित्र के साथ यहां आए थे। इस प्रकार यह स्थान रामायण सर्किट की नजर से भी महत्वपूर्ण है। इसके विकास के लिए हम जल्द एक नया प्रस्ताव भेजेंगे और इसे रामायण सर्किट में जोड़ने का प्रयास करेंगे।इसे प्रकृति और संस्कृति से भी जोड़ा जाएगा।

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कार्तिक मास में चिरांद महोत्सव का आयोजन

इसके साथ ही बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं खेल मंत्री आलोक रंजन झा ने कहा कि इस महत्वपूर्ण स्थल को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पहल शुरू हुई है। इसी वर्ष कार्तिक मास में गंगा स्नान के आसपास चिरांद महोत्सव का आयोजन कराने की सरकार की योजना है।

चिरांद की भूमि बड़ी ही पावन और पवित्र भूमि

वहीं, इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि यह चिरांद की भूमि बड़ी ही पावन और पवित्र भूमि है। यह एक पुरातत्विक भूमि भी है। उन्होंने बताया कि इसके पुरातत्व महत्व के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है। यह शहर पूरा का पूरा एक पुरातत्विक शहर हुआ करता था। जो गंगा और सोन और सरयु नदी पर स्थित है। हमलोग इसके विकास के लिए कृत संकल्पित हैं।

इधर, इन सब के बीच अयोध्या से आए लक्ष्मण किलाधीश मैथिलीशरण जी महाराज ने कहा कि गंगा मां हम सबों के जीवन लिए एक आदर्श हैं, इसलिए हम सभी लोगों को इस नदी की निर्मलता के लिए सतत प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ लोगों द्वारा गंगा को दूषित किया जा रहा है यह बहुत खराब काम है, इसे जितनी तेजी से हो सके उतनी तेजी से रोकना होगा।

इस स्थल को विकसित करना हमारे जीवन का एक लक्ष्य

वहीं,ज्येष्ट पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित इस ऐतिहासिक गंगा आरती को देखने के लिए आसपास के कई गांव से हजारों की सख्या में लोग उपस्थित थे। इन उपस्थित लोगों के समक्ष चिरांद विकास परिषद के अध्यक्ष कृष्णकांत ओझा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आगामी योजनाओं से सम्बंधित जानकारी दी। साथ ही विशिष्ट अतिथि व पूर्व मंत्री डा. महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि इस स्थल को विकसित करना हमारे जीवन का एक लक्ष्य है।

इसके अलावा इस अवसर पर समाज में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए अकेल 35 हजार पौघा लगाने वाले दशरथ राय, कैंसर के भारत प्रसिद्ध चिकित्सक व पटना एम्स के कैंसर सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डा. जगजीत पांडेय, नेत्र राग विशेषज्ञ डॉ.एस.के.पांडेय, दर्शनशास्त्र के प्रख्यात विद्वान डा. किस्मत कुमार सिंह, अखिलेश्वर पाठक,विनोद सिंह, डॉ.किसमत सिंह, अशोक कुमार, राजकिशोर सिंह,अरूण कुमार सिंह (पूर्व प्राचार्य) चिरांद रत्न सम्मान एवं दानी राजा मोरध्वज दिया गया। साथ ही स्थानीय कलाकारों द्वारा सारण गाथा प्रस्तुत किया गया। प्रख्यात कलाकार धनंजय मिश्र व उनकी टोली ने सारण के गौरवशाली इतिहास को संगीत, नृत्य व भाव अभिनय के माध्यम से जीवंत प्रस्तुति दी।

इस समारोह को सफल बनाने में अभिजीत कुमार, जय राज पांडे, हरिमोहन कुमार, मुरली मनोहर तिवारी, रवि राज पांडे, श्याम बहादुर सिंह, तारकेश्वर सिंह, श्रीकांत पांडे, रामकुमार मिश्र, हरिद्वार सिंह, मनोज तिवारी, शारदा देवी, कुमार आनंद, बंटी पांडे, सुमनसाह, सुभाष महतो, राजू साह, ढोडा, विजय राय, जूही राय, सुमन सिंह, राधेश्याम चैधरी, जय दिनेश पांडे, राज किशोर प्रसाद चैरसिया, रणजीत कुमार सिंह, बिपिन बिहारी रमन, अतुल कुमार सिंह,रूपेश कुमार सिंह उर्फ छोटे,सुशील कुमार पांडे, रविकांत सिंह, रासेश्वर सिंह, डॉक्टर कुमारी किरण सिंह, जी विजय जी, श्री राम तिवारी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

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